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थोड़ी-सी सावधानी बरतकर आप इससे बचे रह सकते हैं…

फूड पॉइजनिंग का प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या  गलत खान-पान है. कच्ची सब्जियां, अधपका मांस, कच्चा दूध या उससे बनी चीजें, अंकुरित अनाज, समुद्री खाद्य पदार्थ आदि खाते हैं, तो आप फूड पॉइजनिंग की गिरफ्त में आ सकते हैं. बैक्टीरिया  वायरस फूड पॉइजनिंग के मुख्य कारक हैं. अकसर आपने लोगों को फूड पॉइजनिंग की शिकायत करते देखा होगा. दरअसल, फूड पॉइजनिंग में भोजन के जरिये विषैले तत्व आपके शरीर में प्रवेश करते हैं, जिससे आप बीमार हो जाते हैं. इस बीमारी का कारक वायरस भी होने कि सम्भावना है  बैक्टीरिया भी. अपोलो हॉस्पिटल के फिजिशियन डाक्टर अभिषेक शुक्ला कहते हैं कि ज्यादातर लोग अपने ज़िंदगीमें कम से कम एक बार फूड पॉइजनिंग से जरूर पीड़ित होते हैं.

इसमें उल्टी आना, जी मिचलाना, सिर दर्द, चक्कर आना, पेट में मरोड़  दस्त लगने की समस्या हो सकती है. फूड पॉइजनिंग को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. खुले में या देर तक रखा खाना आपके पेट को संक्रमित कर सकता है. सामान्य फूड पॉइजनिंग में आमतौर पर तीन दिन में आदमी अच्छा हो जाता है. अगर स्थिति गंभीर हो जाए, तो जटिलताएं हो सकती हैं. अगर आप कच्ची सब्जियां या कम पका हुआ मांस खाते हैं या कच्चा दूध पीते हैं या अंकुरित अन्न आदि खाते हैं, तो फूड पॉइजनिंग की गिरफ्त में आ सकते हैं.

फूड पॉइजनिंग के कारक
फूड पॉइजनिंग की समस्या संक्रमण के कारण होती है, जिसमें कुछ सामान्य जीवाणु  खाद्य पदार्थों के वायरस अहम किरदार निभाते हैं. सबसे आम सूक्ष्मजीव एंटअमीबा (एक आम परजीवी, जिसके कारण पेचिश हो सकती है), जिआर्डिया (एक ऐसा परजीवी, जो दस्त का कारण बनता है), कैंपाइलोबैक्टर, शिगेला, साल्मोनेला, ई कोलाई, लिस्टेरिया  नोरोवायरस (ऐसा बैक्टीरिया, जो टाइफाइड का कारण बनता है) हैं.

कैसे होती है फूड पॉइजनिंग
फूड पॉइजनिंग के कई कारण होते हैं. यह आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरस के कारण होती है. ये बैक्टीरिया या वायरस कई तरह से हमारे पेट में पहुंच सकते हैं, जैसे अधपका खाना खाने से या गंदे बर्तनों में पकाया गया खाना खाने से. ऐसे डेयरी उत्पाद, जिन्हें उचित ढंग से फ्रिज में न रखा गया हो या लंबे समय तक उन्हें फ्रिज से बाहर रखा गया हो, भी फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं. ऐसा ठंडा खाना खाने से भी फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है, जिसे फ्रिज से निकालने के बाद दोबारा गर्म किए बगैर खाया गया हो. दो-तीन दिनों का रखा बासी खाना तो किसी भी मौसम में नुकसान पहुंचाता है  इस मौसम में  अधिक घातक हो जाता है. खासकर इस मौसम में फल  सब्जियों को अच्छी तरह धोए बगैर बिल्कुल भी नहीं खाएं, क्योंकि वे भी आपकी स्वास्थ्य बेकार कर सकते हैं.  इस बात का भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीने का पानी बिल्कुल साफ हो.

क्या हैं फूड पॉइजनिंग के लक्षण
फूड पॉइजनिंग चाहे बैक्टीरिया के कारण हुआ हो या वायरस के कारण, लक्षण आमतौर पर समान ही होते हैं. पेट दर्द, जी मिचलाना, दस्त, बुखार  शरीर में दर्द के लक्षण दिख सकते हैं.इसमें न सिर्फ पेट मरोड़ के साथ दर्द करता है, बल्कि डायरिया, उल्टी आदि की समस्याएं नजर आने लगती हैं. अगर आपका खाया खाना लंबे समय तक पच नहीं रहा है, पेट फूला-सा महसूस हो रहा है या लगातार पेट दर्द के साथ उल्टियां हो रही हैं, तो ये सब पेट के संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं. अगर किसी को सूक्ष्मजीव एंटम्यूबा का संक्रमण हुआ हो, तो पेचिश के कारण हल्के रक्त के साथ पतले दस्त आते हैं. भले ही फूड पॉइजनिंग के अधिकतर मामलों की अवधि 5-7 दिनों की होती है, लेकिन कई बार यह ज़िंदगी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. खासकर बुजुर्ग, निर्बल रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, गर्भवती स्त्रियों  एचआईवी संक्रमण वाले लोगों को फूड पॉइजनिंग के मुद्दे में लापरवाही बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए.

फूड पॉइजनिंग से बचें
– कच्ची सब्जियों  फलों को नमक वाले पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए.
– रसोईघर को साफ रखना चाहिए. चाकू  कटिंग बोर्ड को रोज साबुन से धोना चाहिए.
– फ्रिज को अंदर से साबुन के पानी से साफ करना चाहिए. फ्रिज में अगर कोई जूस या खाद्य पदार्थ गिर जाये, तो तुरंत साफ करें.
– मांस को हमेशा अच्छे से साफ करके अच्छा तरह से पकाना महत्वपूर्ण है.
– पके हुए खाने को बहुत देर तक फ्रिज में न रखें.
– ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें, जिनमें कच्चा दूध होता है.
– खासकर इस मौसम में सी फूड के सेवन से बचें.
– बाहर का खाना न खाएं. अकसर ऐसे खाने को ढक कर भी नहीं रखा जाता.
– बेकार खाना या बहुत ज्यादा देर से रखा खाना तो बिल्कुल न खाएं.
– साफ पानी पिएं.
– किसी भी संक्रमित या गंदी वस्तु को छूने के बाद साबुन  पानी से हाथ धोएं. मैले कपड़े या घर की गंदगी साफ करते समय दस्ताने पहनें.

संक्रमण होने पर क्या करें
– जब हमारा शरीर फूड पॉइजनिंग से पीड़ित होता है, तो इन टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए अधिक पानी का प्रयोग करता है. इसलिए इस दौरान अधिक पानी का सेवन करके अपने शरीर में पानी की प्रचुरता बनाए रखें.

– यदि आपको उल्टी  दस्त हो रहे हैं, तो सिर्फ तरल पदार्थों का सेवन करें  ऐसे भोजन का सेवन न करें, जिन्हें चबाना पड़े.

– गुनगुना पानी पिएं तथा यथासंभव कम मसाले का खाना खाएं. पेट का दर्द असहनीय हो तो शीघ्र किसी विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श से अल्ट्रासाउंड कराएं.

– डायरिया  उल्टी की वजह से शरीर से पानी के साथ-साथ सोडियम, पोटैशियम  अन्य मिनरल भी कम हो जाते हैं. इसलिए पानी के साथ इलेक्ट्रल पाउडर लें.

– नमक  चीनी का घोल भी ऐसे में बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होता है. स्पोर्ट्स ड्रिंक पीने से बचें.

– भोजन एवं दिनचर्या के नियमों का अच्छा से पालन करें. समय पर खाना खाएं.

– लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों जैसे शराब, दर्द निवारक दवाओं, बुखार की दवा आदि का प्रयोग तत्काल बंद कर दें  अपने लिवर की जाँच कराएं.

ये तरीका हैं असरदार
– दोपहर  रात के खाने के बाद एक कप अदरक की चाय का सेवन करें. यह सीने में जलन, जी मिचलाने जैसे फूड पॉइजनिंग के अनेक लक्षणों को दूर करती है.

– सेब के सिरके का हमारे शरीर के अन्दर अल्काइन इफेक्ट होता है  यह फूड पॉइजनिंग के कई लक्षणों को दूर करता है. इसलिए दो चम्मच सेब के सिरके को एक कप गर्म पानी में घोलकर, खाने से पहले सेवन करें.

– मेथी के बीज पेट की गड़बड़ी को दूर करने में मदद करते हैं. मेथी के बीज  दही के संयोजन से आपको पेट दर्द  उल्टी में तुरंत फायदा मिलेगा.

– नीबू में एसिड होता है, जो बैक्टीरिया को समाप्त करने में मदद करता है. एक चम्मच नीबू के रस में एक चुटकी चीनी डालकर सेवन करें. ऐसा दिनभर में दो बार करें.

– फूड पॉइजनिंग में तत्काल राहत के लिए तुलसी की पत्तियों को पीसकर जूस तैयार करें  इसमें शहद मिलाकर दिनभर में दो से तीन बार सेवन करें. अपनी चाय में भी तुलसी डालें.इससे चाय का स्वाद भी बढ़ेगा  आपको फायदा भी होगा.

– लहसुन में भी स्ट्रोंग एंटीवायरस  एंटीफंगल पदार्थ होते हैं. इसलिए यह भी फूड पॉइजनिंग से लड़ने में मददगार है. यह दस्त  पेट दर्द से भी राहत दिलाने में लाभकारी है. लहसुन की एक कली को पानी के साथ गटक लें. इसका जूस बनाकर भी पी सकते हैं.

– केला खाने से पेट साफ रहता है, क्योंकि यह सरलता से पच जाता है. केले में अत्यधिक मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, जो दस्त  उल्टी के कारण शरीर में हुई पोटैशियम की कमी को दूर करता है. सिर्फ एक केला खाने से आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है. आप केले का जूस बनाकर भी पी सकते हैं.

– फूड पॉइजनिंग के कारण पेट में हुई गड़बड़ी को जीरा सरलता से अच्छा कर देता है. एक चम्मच जीरे को एक कप पानी में गर्म करें. जीरा  हींग को मिलाकर हर्बल ड्रिंक भी तैयार कर सकते हैं. इसे भी दिन में दो बार सेवन करें. यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर आपको शांति प्रदान करेगा.

– लौंग शरीर में छोटे से छोटे बैक्टीरिया को जड़ से समाप्त कर देती है. पेटके संक्रमण में यह बहुत ज्यादा असरदार है.

– शुद्ध शहद को दालचीनी पाउडर के साथ मिलाकर खाने से पेट से जुड़ी हर समस्या अच्छा हो जाती है. यह नुस्खा गैस की समस्या से भी राहत दिलाने में अच्छा है.

– पेट के संक्रमण से निजात पाने के लिए एक जार में एक चम्मच हल्दी पाउडर  6 छोटे चम्मच शहद मिलाकर रख दें  उसे बंद कर दें. दो दिन बाद रोज आधा-आधा चम्मच दिनभर में दो तीन बार खाएं, बहुत जल्दी आराम होगा.

– पेट के कीड़े की समस्या है, तो प्रातः काल खाली पेट पानी के साथ जरा-सी हींग का सेवन करें, फायदा होगा.

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