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‘मॉडल यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेन्स’ में बाल प्रतिनिधियों ने वैश्विक चुनौतियों पर की परिचर्चा  

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रही दो-दिवसीय मॉडल यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेन्स (एम.यू.एन.-2019) के दूसरे व अन्तिम दिन प्रतिभागी छात्रों ने वैश्विक समस्याओं पर चर्चा-परिचर्चा करते हुए संदेश दिया कि सर्वश्रेष्ठ विश्व व्यवस्था के लिए एकता व शान्ति ही अन्तिम विकल्प है। इससे पहले, एम.यू.एन.-2019 के तीसरे दिन विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए छात्रों ने संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यवाही का हूबहू नजारा प्रस्तुत किया और विभिन्न वैश्विक समस्याओं पर खुलकर अपने विचार रखे। प्रतिभागी छात्रों ने अपने सारगर्भित, ओजपूर्ण एवं प्रभावशाली उद्बोधन की छाप छोड़ते हुए साबित कर दिया कि भावी पीढ़ी में सकारात्मक चिंतन के साथ विश्व की समस्याओं का समाधान करने की क्षमता मौजूद है।

विदित हो कि एम.यू.एन.-2019 में लखनऊ समेत देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों के 600 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन के अन्तिम दिन आज सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी छात्रों पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। मॉडल यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेन्स (एम.यू.एन.-2019) के अन्तर्गत संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली की तर्ज पर संयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न शाखाओं का प्रतिनिधित्व करती हुई छात्रों की दस समितियों का गठन किया गया है। प्रत्येक समिति के अलग-अलग मुद्दे हैं जिन पर विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतिभागी छात्रों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रत्येक समिति में एक अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष थे जिन्होंने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।

यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउन्सिल के अन्तर्गत ‘द सिचुएशन इन द बोलिवेरियन रिपब्लिक ऑफ वेनेजुएला’ विषय पर चर्चा-परिचर्चा करते हुए छात्रों ने वेनेजुएला के आर्थिक संकट पर गहन चर्चा की तो वहीं दूसरी ओर ‘हिस्टोरिक नार्थ एटलांटिक ट्रीटी आर्गनाईजेशन’ समिति के माध्यम से लीबिया की स्थिति-परिस्थिति पर विचार-विमर्श हुआ। विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए छात्रों की सारगर्भित परिचर्चा इस बात का स्पष्ट प्रमाण थी कि छात्र काफी शोध व गहन अध्ययन करके अपने विचारों को प्रस्तुत कर रहे थे। ज्ञान के इस आदान-प्रदान से सभी को लाभ हो रहा था एवं नई पीढ़ी में कुछ नया करने व दुनिया में सकारात्मक बलदाव लाने की भावना झलक रही थी। ‘एकेडमिक कांग्रेस’ नामक कमेटी में ‘मीन्स टु अटेन इण्डियन इण्डिपेन्डेन्स फ्राम ब्रिटिश रूल’ विषय पर गंभीर चर्चा हुई, जिसमें प्रतिभागी छात्रों ने सरोजिनी नायडू, महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, मदन मोहन मालवीय आदि विभिन्न हस्तियों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार रखे।

इस परिचर्चा में 27 दिसम्बर 1927 का दिन एक बार फिर से जीवन्त हो उठा जब साइमन कमीशन भारत आया था और भारतीयों ने इसका जोरदार विरोध किया था। ‘लोकसभा’ नामक कमेटी में प्रतिभागी छात्रों ने ‘नागरिक संशोधन विधेयक’ पर परिचर्चा की और विभिन्न नेताओं व राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार रखे। इस कमेटी की परिचर्चा से छात्रों को लोकसभा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। इसी प्रकार यूनाइटेड नेशन्स ह्यूमन राइट्स काउन्सिल, यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेम्बली, इण्टरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेन्सी, यूनाइटेड नेशन्स इन्वार्यनमेन्ट प्रोग्राम, स्टेकहोल्डर्स मीट एवं ओपेन फोरम आदि कमेटियों में जोरदार चर्चा-परिचर्चा देखने को मिली।

सम्मेलन के समापन सत्र में एम.यू.एन.-2019 की संयोजिका एवं सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या आभा अनन्त ने कहा कि यह आयोजन छात्रों को न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यप्रणाली से अवगत कराता है अपितु इस बात का भी प्रमाण है कि मानव के ज्ञान, रचनात्मकता एवं क्षमता से एक शान्तिपूर्ण विश्व की स्थापना निश्चित रूप संभव है, बस जरूरत इस बात की है कि इस उद्देश्य हेतु ईमानदारी व खुले दिल से प्रयास किया जाए।

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