दर्शन रावल को महज 24 वर्ष की आयु में बहुत ज्यादा लोकप्रियता मिल गई है. फिल्म लवयात्रीमें उनके सॉन्ग चोगाड़ा से उन्होंने ऊंची छलांग लगाई है. दर्शनअपने कई सिंगल्स (एल्बम) के लिए भी खूब पसंद किए जाते हैं. उनके बढ़ते करियर के लिए भास्कर ने उनसे खास बात-चीत की
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मेरा सफर व पॉपुलैरिटी 24 वर्ष से नहीं, 18 वर्ष से प्रारम्भ हो गई थी. तब से यही लग रहा है कि मैं एक सपने को जी रहा हूं. यह सच नहीं लगता है, क्योंकि इतना अधिक प्यार शहरों व प्रदेश से नहीं बल्कि सारे देश से मिलता है. डेफिनिटली यह सपने जैसा लगता है.
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मेरे मुताबिक, बॉलीवुड के लिए एक ही अरिजित सिंह बहुत ज्यादा है. अगर मुझे जीवन में कुछ बनना भी होगा तो मैं दर्शन रावल ही बनना चाहूंगा. मैं किसी की तरह या किसी के जैसा बनना बिल्कुल भी पसंद नहीं करूंगा. अगर बॉलीवुड को दर्शन रावल चाहिए तो दर्शन रावल है, अन्यथा अरिजित सिंह तो ऑलरेडी हैं.
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मुझे किशोर कुमार बहुत पसंद हैं. उन्होंने कई सुपरहिट गाने दिए हैं. उनका वॉइस-टेक्स्चर, वोकल-कल्चर उस जमाने में भी उन्होंने उतना अच्छा किया तो आज हम उनसे बहुत ज्यादा सीख सकते हैं. वो हमेशा मेरे आइडल रहेंगे.
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चार बोतल वोदका या भिन्न-भिन्न तरह के गाने ही रैप नहीं है. वह पार्टिकुलर एक आर्टिस्ट का रैप है. रैप अपने आप में एक बहुत ही अलग जोनर है. उसके जरिए बहुत ही इंफ्लुएंशिअल चीजें व स्ट्रॉन्ग मैसेजेज दिए जा रहे हैं. तो ऑरिजिनल रैप जैसे गली बॉय में भी दिखाया है कि वह अपने विचार रखने या बोलने का एक माध्यम है. अगर कोई चार बोतल वोदका कहना चाहता है तो यह उसके विचार या थॉट-प्रोसेस हैया मूवी की रिक्वायरमेंट है. एक्चुअल रैप में बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग मैसेज दिया जाता है व यह रैप वहीं से आया है, जो लोग पॉलिटिकली अपनी बात रखना चाहते थे, वहीं से यह रैप कल्चर आया है. मैं खुद रैप ज्यादा नहीं सुनता हूं, मैं पॉप म्यूजिक ज्यादा सुनता है, क्योंकि मैं खुद पॉप बनाता हूं.
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म्यूजिक का बचपन से बड़ा शौक था, तो शायद मैंने थर्ड-फोर्थ स्टैंडर्ड से गुनगुनाना प्रारम्भ कर दिया था. कहीं से मैंने कोई क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग नहीं ली है. खुद ही स्टूडियो में जा-जा कर, सुन-सुन कर सीखा है.
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पॉपुलर कोई एक वस्तु नहीं कर देती है. ओवरनाइट स्टारडम कोई एक वस्तु दे सकता है, लेकिन उसको सस्टेन करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत लगती है. तो इंडिया ज रॉ-स्टार से एक पॉपुलैरिटी तो मिल गई है,पर उसको सस्टेन करने वाली एक जर्नी रही है. इसी तरह तेरा जिक्र भी सुपरहिट है, लेकिन उसकी भी एक पूरी जर्नी है. इंडिया ज रॉ-स्टार के बाद मैंने चार बॉलीवुड फिल्मों के सुपरहिट गाने गाए. इसके साथ-साथ मैंने इंडिपेंडेंट म्यूजिक भी किया. तेरा जिक्र मेरा इंडिपेंडेंट सुपरहिट गाना था. उसके बाद चोगाड़ा , कम्मरिया, एक लड़की को देखा तो, काश ऐसा होता व अब हवा बनके तू आया है.
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यूट्यूब ने बहुत सारे प्लेटफॉर्म्सखोल दिए हैं. ऐसा कोई कंपीटिशन नहीं है, बहुत सारे सिंगर्स या स्टैंडअप कॉमेडियन जो इंसान अच्छा कार्य करता है, लोगों को इंटरेस्ट या इंफोर्मेशन देता है या एंटरटेंमेंट देता है, उसके लिए यूट्यूब बराबर है, तो यूट्यूब सबके लिए समान रहा है.
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कोई रणनीति नहीं है. मुझे लगता है कि इंडिया में लैंग्वेजआज तक बैरियर नहीं रही. यहां के लोग हर किस्म का गाना पसंद करते हैं, चाहे गुजराती हो, पंजाबी हो, बंगाली हो लोग सुनते हैं, अगर गाना अच्छा हो, तो वह सुना जाएगा, पसंद किया जाएगा. तो कोई पॉलिटिक्स या रणनीति नहीं है.
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हर आर्टिस्ट का वर्ष में एक ऐसा गाना होता है,जिसकी वजह से वह जाना जाता है. मुझे लगता है कि मेरे वैलेंटाइन व बारिश के गानों की वजह से लोग मुझे ज्यादा जानते हैं. मेरे इन दो तरह के गानों का लोग इंतजार करते हैं. खुद मुझे बारिश बहुत अच्छी लगती है. हर आर्टिस्ट का अपना एक रैपो होता है. मेरा इंडी-म्यूजिक लेवल के साथ अच्छा रैपो है. वे मेरे म्यूजिक को समझते हैं, इसलिए मैं उनके साथ अच्छा कार्य कर पाता हूं.
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ये एक बहुत ही खूबसूरत गाना है, जिसमें एक कंपेरिजन की गई है कि लड़का, लड़की के बारे में जो फील करता है, उसके साथ. बीच में हमने मुए वादिया का प्रयोग किया है, जो कि एक पुराना ट्रेडिशनल लिरिकल मीनिंग रखता है. निरमा ने लिखा व कंपोज भी किया है. मेरी हमेशा प्रयास रहती है कि अपने म्यूजिक वीडियो में एक्ट करूं, क्योंकि जो मैं गाता हूं तो मुझे पता है कि उसे किस इमोशन के साथ एक्ट करना है.
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पंजाबी सिंगल्स में होता होगा, पर मैं अभी यही फोकस करना चाहता हूं कि अच्छे-अच्छे गाने बनाऊं, गानों में फीचर रहूं. लेकिन फिल्में करने का अभी मेरा कोई इरादा नहीं है.
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