लखनऊ। पिछले साल की तर्ज पर प्रदेश की भाजपा सरकार लाखों-करोड़ों खर्च करके 28 जुलाई को दूसरे INVESTORS SUMMIT का आयोजन कर रही है, जिसकी तैयारियों को लेकर सारा सरकारी तंत्र जुटा हुआ है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 के लिए राजधानी लखनऊ का सारा चेहरा बदल दिया गया है। हरियाली से लेकर रोशनी से शहर को सराबोर कर दिया गया।
जाहिर सी बात है कि पिछले साल की तर्ज पर सरकार इस बार भी करोड़ों रूपये इस आयोजन और इसके प्रचार पर खर्च कर रही है। अगर पिछले साल सिर्फ साज-सज्जा पर किये गए खर्च पर ही नजर डाला जाये तो शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर करीब 65 करोड़ से अधिक का खर्च आया था। तब एक वार्ता के दौरान जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने समिट के लिए सजावट पर 66.15 करोड़ रुपये का खर्च आने की बात कही थी। जिसमें लखनऊ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 24.25 करोड़, लखनऊ डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने 13.08 करोड़ और लोक निर्माण विभाग ने 12.58 करोड़ रुपये खर्च किए।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित उस पहले इन्वेस्टर्स समिट के लिए तब 22 चार्टर्ड प्लेन, 12 लग्जरी होटेल्स में 300 कमरे बुक किए गए थे। पूरे शहर में होर्डिंग और रोशनी के लिए झालरें लगाई गई थीं। जगह-जगह पौधे भी लगाए गए थे।हालांकि इन्वेस्टर्स समिट 2018 के आयोजन पर करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद जैसा अनुमान था नतीजा उसके बिलकुल विपरीत निकला। जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को उस आयोजन के लिए खूब घेरा भी। तब समिट पर हुए खर्च को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सरकार की निंदा करते हुए उस खर्च को बेफिजूल बताते हुए कहा था कि इतने रुपयों से गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कोई काम किया जा सकता था।
गौरतलब है कि समिट में तब सात देशों से लगभग 6000 लोगों ने हिस्सा लिया था। दो दिवसीय समिट में 1,045 एमओयू पर साइन किए गए, जिसमें 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव पास हुआ और 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद गयी। इस सबके बीच राज्य में कम से कम 33 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद भी जताई गई थी, जो एक दिवा स्वप्न साबित हुआ। देश के बिज़नेस टाइकून गौतम अडानी ने 35000 करोड़ का निवेश, आनंद महिंद्रा ने 200 करोड़ का निवेश, कुमार मंगलम बिड़ला ने 25000 हजार करोड़ का निवेश, मुकेश अम्बानी ने 10000 करोड़ का निवेश और सुभाष चंद्र जैसे उद्यमियों ने 18750 करोड़ का निवेश करने की बाकायदा घोषणा किया। प्रदेश में इतने बड़े निवेश के बावजूद अभी तक ना तो प्रदेश का कोई कायाकल्प होता दिख रहा है और ना ही बेरोजगार युवाओं के लिए नई नौकरिया सृजित होती दिखाई दी। अगर इस बार भी नतीजे पिछली बार की तरह ही रहे तो विपक्षी दलों ने अभी से इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की योजना भी बनाना शुरू कर दिया है।
INVESTORS SUMMIT 2018 के आयोजन में देश-विदेश के कई बड़े उद्योग घरानों से जुड़े लोगों का जुटान हुआ था। उसी तर्ज पर 28 जुलाई 2019 को आयोजित हो रहे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 के कार्यक्रम में भी कई नामचीन उद्योपति शिरकत कर रहे हैं,जिनके द्वारा 65000 करोड़ की 250 से अधिक योजनाओं का शिलान्यास किये जाने का ढिढोरा पीटा जा रहा है। अगर पिछले वर्ष की तरह ही करोड़ों खर्च करने के बाद भी प्रदेश का बेरोजगार नौकरीविहीन रह गया था ऐसे निवेश का कोई फायदा नहीं जो महज दावों और कागजों तक ही सिमित रह जाये।