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एनडीए के सहयोगियों के बीच हालिया झड़प लोकतंत्र का अपमान

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर सरकार बनाने में देरी पर कहा कि एनडीए के सहयोगियों के बीच हालिया झड़प लोकतंत्र का अपमान है। एक फेसबुक पोस्ट में, उन्होंने कहा कि वह बालासाहेब ठाकरे का सम्मान करते हैं और सवाल किया कि अगर शिवसेना संस्थापक आज जीवित होते तो क्या भाजपा इतनी साहसी होती?

उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘महाराष्ट्र कई ऐसे महान नेताओं की वजह से धन्य है, जिन्होंने लोगों का सम्मान प्राप्त किया है। ऐसे ही एक नेता माननीय बालासाहेब ठाकरे थे। मैं कई कारणों से उनका सम्मान करता हूं। एक बड़ा कारण राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद है।’ आगे उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि चुनाव से पहले, भाजपा ने शिवसेना से सरकार में 50-50 साझा करने का वादा किया था। लेकिन अब भाजपा अपने शब्द के खिलाफ जा रही है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या बालासाहेब ठाकरे आज जिंदा होते तो भाजपा अभी भी इतना साहस दिखा पाती?

उन्होंने कहा कि सरकार के गठन में देरी हो रही है, और पहले सूखे की मार झेल रहे किसानों को अब बारिश की मार झेलनी पड़ रही है। इसपर ध्यान नहीं लगाया जा रहा हैं। रोहित ने लिखा, ‘ग्रामीण और साथ ही शहरी लोग, कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सरकार को जल्द से जल्द गठित करके आम आदमी का समर्थन करने की आवश्यकता है। लोगों ने हमें विपक्ष के रूप में चुना है। हमने जनादेश को स्वीकार कर लिया है और काम करना शुरू कर दिया है। लेकिन भाजपा और शिवसेना के बीच हालिया झड़पें लोकतंत्र का अपमान हैं। बता दें कि अनुभवी राजनेता शरद पवार के पोते रोहित पवार ने राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कर्जत जमखेद निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की।

रोहित पवार ने आश्चर्य जताया कि क्या भाजपा-शिवसेना गठबंधन वास्तव में अगले 5 वर्षों के लिए अपने मौजूदा मतभेदों को देखते हुए एक दृढ़ सरकार देगा। उन्होंने कहा जब सरकार बनने से पहले ही लोगों को इतनी दिक्कत हो रही है तो क्या भविष्य में यह गठबंधन खुशी से चल पाएगा? उन्होंने सवाल पूछा।

उन्होंने भाजपा पर शिवसेना के साथ आधी-आधी शक्ति साझा करने के अपने वादे पर वापस जाने का भी आरोप लगाया। बता दें कि उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एनडीए के सहयोगी राज्य में सरकार बनाने को लेकर आपस में उलझ रहे हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ लड़ी हैं, जिसमें भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है। वहीं, एनसीपी ने विधानसभा में 54 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीतीं। राज्य में सरकार बनाने के लिए पार्टी को 145 सीटों का बहुमत चाहिए।

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