काली किशमिश को अगर पोषक तत्वों का पावरहाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह वास्तव में सूखे अंगूरों की ही एक किस्म है। इन किशमिशों में आम तौर पर बीज नहीं होते हैं और वे स्वाद में मीठी होती हैं। इनकी प्राकृतिक मिठास के कारण ही इन्हें अमूमन कुकीज, केक, और पाई जैसी डिशेज में इस्तेमाल किया जाता है। वैसे इनका प्रयोग कई बीमारियों खांसी और श्वसन तंत्र में सूजन आदि के लिए दवा बनाने में भी किया जाता है। वैसे इनमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, सोडियम, विटामिन सी और फोलेट आदि पाया जाता है। तो चलिए जानते हैं काले किशमिश से सेहत को होने वाले कुछ जबरदस्त फायदों के बारे में−
बेहतर ओरल हेल्थ
काली किशमिश ओरल हेल्थ के लिए काफी अच्छे माने गए हैं। एक शोध के अुनसार, किशमिश में एंटीमाइक्रोबियल यौगिक जैसे ओलीनोलिक एसिड, ओलीनोलिक एल्डिहाइड, लिनोलिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड होते हैं। जो आपकी ओरल हेल्थ का ख्याल रखते हैं और आपको कैविटी व मसूड़ों की बीमारी से बचाते हैं।
डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक
काली किशमिश में निम्न से मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) पाया जाता है, जिसके कारण इसमें पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा के स्तर को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करता। इतना ही नहीं, कुछ अध्ययनों के अनुसार, अगर मधुमेह रोगी काले किशमिश का सेवन करते हैं तो इससे टाइप 2 मधुमेह रोगियों में ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है।
याददाश्त में सुधार
अगर आप लंबे समय तक अपनी याददाश्त को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो काली किशमिश का सेवन आपको जरूर करना चाहिए। इसमें पाए जाने वाले एंटी−ऑक्सीडेंट्स आपकी मेमोरी को बूस्टअप करने का काम करते हैं।
कैंसर को रोकने में मददगार
आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन काले किशमिश कैंसर को रोकने में भी सहायक है। इन सूखे अंगूरों में फेनोलिक यौगिक पाया जाता है, जो कोलन कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं।
पाचन में सहायक
काली किशमिश पाचन तंत्र के लिए भी बेहद लाभदायक है। यह आपके बाउल मूवमेंट को बेहतर बनाती हैं। खासतौर से, काले किशमिश में फाइबर प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह कब्ज होने की संभावना को भी काफी हद तक कम कर देती है।