भूमि के बढ़ते तापमान (ग्लोबल वॉर्मिंग) से दुनियाभर के वैज्ञानिक चिंता में हैं. बर्फ पिघलने का एक फोटो वायरल हो रहा है. यह फोटो ग्रीनलैंड में डेनिश मेट्रोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक स्टीफन ओल्सन ने 13 जून को लिया था. फोटो में कुत्ते झील में स्लेज खींचकर ले जा रहे हैं. ओल्सन के मुताबिक, ग्रीनलैंड के जिस इलाके में झील बन गई है, वहां कभी 1.2 मीटर मोटी बर्फ की चादर थी.
- ओल्सन द्वारा ली गई फोटो ग्रीनलैंड के इंगलफील्ड ब्रेडनिंग फियोर्ड में ली गई. कटे-फटे समुद्र तटों को फियोर्ड बोला जाता है. स्केंडेनेवियाई राष्ट्रों (नॉर्वे, स्वीडन) में इसी तरह के समुद्र तटहोते हैं.
- डेनिश मेट्रोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (डीएमआई) में ओल्सन के सहयोगी रास्मुस टोनबो ने बोला कि ग्रीनलैंड में बर्फ की चादर व समुद्र बर्फ तेजी से पिघल रही है. बर्फ की चादर पिघलने से पहाड़ों पर झीलें बन रही हैं.
- ओल्सन ने ट्विटर हैंडल से लिखा है कि उनकी टीम ने लोकल शिकारियों व उनके कुत्तों से पारंपरिक ज्ञान पर भरोसा किया क्योंकि उन्होंने बर्फ पर शुष्क स्थानों की खोज की थी. टीम ने अपनी यात्रा की योजना के लिए उपग्रह आधारित फोटो का भी प्रयोग किया.
- डेनिश मेट्रोलॉजिकल इंस्टीट्यूट में मौसम वैज्ञानिक रूथ मोट्रम के मुताबिक- अगर इस वर्ष किसी को ग्रीनलैंड में अभियान के लिए आना है तो बेहतर होगा कि आप उपकरणों के साथ आएं. स्लेज भी साथ में रखें. समुद्री बर्फ पर आपको बहुत ज्यादा पानी मिल सकता है. ठंड में यहां की बर्फ अमूमन बहुत ज्यादा ठोस हो जाती है लेकिन इस बार जून में ग्रीनलैंड व आर्कटिक में अपेक्षाकृत बहुत ज्यादा गर्मी देखी गई. इसकी वजह दक्षिण से गर्म हवा का आना बताया जा रहा है.
- रूथ यह भी बताती हैं- ग्लेशियर पर बहुत ज्यादा बर्फ पिघल रही है. डीएमआई के पास स्थित कानाक एयरपोर्ट पर पिछले बुधवार को 17.3 डिग्री सेल्सियस व गुरुवार को 15 डिग्री सेल्सियस तापमान पंजीकृत किया गया. यह उत्तर ग्रीनलैंड में सबसे ज्यादा तापमान है.
- रूथ के मुताबिक- जून या जुलाई में बर्फ पिघलने की घटनाएं अमूमन नहीं होतीं. हालांकि इसे केवल ग्लोबल वॉर्मिंग का नतीजा बोलना जल्दबाजी होगा क्योंकि यहां मौसम में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. ग्रीनलैंड में अभी भी ज्यादातर दिनों में तेज ठंड ही होती है.