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पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को दिए निर्देश, मंत्रालयों में अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति नहीं करें

पीएम मोदी ने बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रियों को निर्देश दिया कि ऐसे वादे करें जो पूरा हो सके और अपने मंत्रालय में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने मीडिया और सार्वजनिक तौर पर गैरजरूरी टिप्पणियों का हवाला दिया और मंत्रियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि वे केवल तथ्यों को बताएं या ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें।

इस बैठक में जम्मू कश्मीर पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से जम्मू-कश्मीर के लिए योजनाओं और परियोजनाओं पर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से यह भी कहा कि वे अपने संबंधित मंत्रालयों में या विभागों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें। शासन की ‘गति’ और ‘दिशा’ में सुधार करने के लिए मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि उनका संवाद अपने मंत्रालयों के सचिवों जैसे शीर्ष अधिकारियों तक सीमित नहीं होना चाहिए। उनका संवाद पदक्रम में अपेक्षाकृत निचले स्तर के अधिकारियों, जैसे- संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों से भी होना चाहिए ताकि इन अधिकारियों को लगे कि वे भी टीम का हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मंत्रियों को अधिकारियों को प्रोत्साहित और उत्साहित करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को सुबह साढ़े 9 बजे तक दफ्तर पहुंच जाना चाहिए और कुछ मंत्रियों को उनके निर्देश पर ध्यान देने की जरूरत है और उन्हें यह करना चाहिए। मोदी ने कहा कि उन्होंने कई बार अपने कैबिनेट सहयोगियों को अनुशासन, समय की पाबंदी और काम करने की प्रतिबद्धता के संदर्भ में नेतृत्व करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि शीर्ष मंत्री वक्त की पाबंदी करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव उनके संबंधित मंत्रालयों की रचनात्मकता और दक्षता पर और समूची सरकार के कामकाज पर भी पड़ेगा।

सूत्रों ने कहा कि मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी और जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के कदम के बारे में देर तक बोले। उन्होंने बताया, शाह ने कहा कि घाटी में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। घाटी में कई स्थानों पर सुरक्षा एवं संचार पाबंदियां हैं। उन्होंने पाबंदियों का बचाव करते हुए कहा कि यह व्यापक हित के लिए है। उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि संचार और लोगों की आवाजाही पर पूर्ण रोक नहीं है। शाह ने कहा कि पाबंदियां केवल कुछ स्थानों पर लागू हैं जहां सुरक्षा को खतरा है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके द्वारा हाल में घोषित सुधार के उपायों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ये कदम उठाने से पहले सभी हितधारकों से मशविरा किया है।

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