बच्चों के यौन उत्पीड़न के मुद्दे में दोषियों को सज़ा-ए-मौत देने के प्रावधान पर मुहर लग सकती है. दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार, 10 जुलाई 2019 को केंद्रीय कैबनेट की मीटिंग होनी है. इस मीटिंग में वर्तमान ‘पॉक्सो’ एक्ट में जरूरी संशोधनों को मंजूरी दी जा सकती है.
इन जरूरी संशोधनों के तहत ये प्रावधान जोड़े जा सकते हैं
- पॉक्सो एक्ट में 18 वर्ष से कम आयु के यौन उत्पीड़न के पीड़ितों को बच्चों की श्रेणी में रखने का प्रावधान.
- बच्चों के यौन उत्पीड़न के दोषी को मौत दंड की सजा का प्रावधान.
फिलहाल पॉक्सो एक्ट में 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ बलात्कार के अपराधियों को फांसी की सजा का प्रावधान है. लेकिन देश में दिन रोजाना बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न जैसे क्राइमबढ़ते जा रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए बाल अपराधों पर रोक लगाने के उद्देश्य से सरकार पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने जा रही है. बता दें कि इससे संबंधित यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (संशोधन) बिल-2019 इस वर्ष की आरंभ में संसद में पेश किया गया था. लेकिन इसे दोनों सदनों में पारित नहीं किया जा सका था.