लखनऊ। अपना वेतन ना लेने की घोषणा करने वाले उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प, न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग रवीन्द्र जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि हाल ही में अपने निरिक्षण के दौरान बुजुर्गों और महिलाओं को सीढ़ी चढ़कर ऊपर आता देख उन्होंने वहां रजिस्ट्री कार्यालयों को द्वितीय और तृतीय तल से प्रथम तल पर लाने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञात होकि, 2012 में पहली बार जब वो चुनाव जीते तो श्री जायसवाल ने विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी लेने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने दूसरी बार 2017 में चुनाव जीतने के बाद भी सैलरी ना लेने का क्रम जारी रखा।
सचिवालय के नवीन भवन में शिष्टाचार भेंटवार्ता के दौरान राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा, जिस तरह से विधायक रहते हुए उन्होंने अपना वेतन मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दिया था, ठीक उसी तरह से ही राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में प्राप्त होने वाले मूल वेतन को पूर्व की भांति ही मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दान कर देंगे।
5000 रूपये से अधिक धनराशि का ई-स्टाम्प
उन्होंने बताया, प्रदेश भर में सभी 363 उपनिबंधक कार्यालयों में मुद्रित स्टाम्प के साथ-साथ ई-स्टाम्प की व्यवस्था लागू कर दी गयी है। जिसके तहत 5000 रूपये की धनराशि से अधिक की धनराशि का ई-स्टाम्प (इलेक्ट्रानिक जनरेटेड स्टाम्प) जारी किया जा सकता है। इसके अलावा विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करवा कर लोग विलेखों के बारह साला का विवरण भी निकल सकते हैं। इतना ही नहीं सुविधा का लाभ उठाते हुए कोई भी पोर्टल पर अपनी सुविधानुसार विवाह का रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।
निबंधन शुल्क को कैशलेस बनाने की
श्री जायसवाल ने बताया कि वर्तमान में 20000 निबंधन शुल्क जमा कराया जा रहा है, जिसे कैशलेस बनाने की व्यवस्था की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में राजस्व लक्ष्य 17458.34 करोड़ रुपये के सापेक्ष 13367.25 करोड़ रुपये (76.6 प्रतिशत), वित्तीय वर्ष 2018-19 में राजस्व लक्ष्य 18000.00 करोड़ रुपये के सापेक्ष 15719.53 करोड़ रुपये (87.3 प्रतिशत) की प्राप्ति की गयी। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजस्व लक्ष्य 19179.07 करोड़ रुपये के सापेक्ष अगस्त माह तक 6759.26 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुयी जो गत वर्ष की तुलना में 3.4 प्रतिशत अधिक रही।
राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा, पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर ही रजिस्ट्री कार्यालय को विकसित करने पर विचार किया जा रहा, जिसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा। जिसके तहत दिव्यांगों, बुजुर्गों एवं निशक्तों की सुविधा के लिए रैंप व लिफ्ट की व्यवस्था का प्रावधान है। साथ ही डिजिटल इंडिया के तहत निबंधन कार्यालय को नगदी रहित करने, कार्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था करना, दैनिक आधार पर एकत्र नगदी को बैंकों में जमा करने हेतु एप आधारित टैक्सी सेवा का उपयोग एवं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निबंधन कार्यालयों को भूतल पर स्थापित करने लक्ष्य है।