भारत और अमेरिका के रिश्तों में टैरिफ और ईरान से तेल आयात के मुद्दे पर हल्की तल्खी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात हुई है। जहां अमेरिका और भारत के दोस्ती की गाथा गाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में भारी जीत की बधाई भी दी है।
जापान के ओसाका शहर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच सार्थक बैठक हुई है। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अभी हाल ही में अमेरिकी उत्पाद के भारत मेंप्रवेश पर टैरिफ में 28 प्रतिशत बढ़ोतरी की थी। जिससे अमेरिका ने नाराजगी प्रकट की है। हालांकि सूत्रों की मानें तो अमेरिका के व्यापार में तरजीह वाला दर्जा जो भारत का खत्म किया है उसके प्रतिक्रिया स्वरुप यह कदम उठाया गया था। भारत ने संकेत दिया है कि टैरिफ के मसले पर भारत अपने हितों की उपेक्षा नहीं करेगा।
अमेरिका ने जब भारत के जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) दर्जे खत्म किया तो इसका असर यह हुआ कि भारतीय उत्पाद को अमेरिका में पहुंचाने के लिए ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। जबकि पहले दर्जा मिलने से मामलू ही टैक्स देना पड़ता था।
हालांकि इस अहम बैठक में टैरिफ मुद्दों के अलावा ईरान से भारत के तेल आयात पर भी विस्तार से चर्चा हुआ है। भारत ने स्पष्ट किया है कि ईरान से सिर्फ तेल आयात मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि खाड़ी देश में भारी तादाद में भारतीय रहते है जिनके हितों की अनदेखी करना मुश्किल है। साथ ही ईरान से रिश्ते में खटास से भारतीय के सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा सकता है। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस मसले को आपसी समन्वय और क्षेत्र की स्थिरता के लिए संपर्क को ओर बेहतर बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया है। जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी सहमति जताई है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि मोदी और ट्रंप की बैठक में रुस से भारत के एस 400 खरीद का मसला पर चर्चा नहीं हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ रिश्तों को महान बताते हुए कहा कि दोनों लोकतांत्रिक देश कई वैश्विक मुद्दे पर साथ काम करने के हमेशा इच्छुक रहते है। उन्होंने मोदी को भी अपना अच्छा दोस्त बताया है। उन्होंने कहा कि कई मसलों पर भारत के साथ मिलकर काम करेंगे।