आपने अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसी आदतें शामिल की होंगी, जो आपके हिसाब से स्वास्थ्य वर्धक हैं, पर क्या आपको अंदाज़ा भी है, ये आपकी स्वास्थ्य के लिए नुक़सानदायक भी हो सकती हैं। क्या हैं ये आदतें? चलिए हम आपको बताते हैं।1) लो-फैट या फ्री डेयरी का चुनाव
नये रिसर्च से यह सिद्ध हुआ है कि फुल फैट डेयरी का दिल की बीमारियों, टाइप-2 डायबिटीज़ और फैट की चर्बी से कोई संबंध नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डेयरी (दूध से बनी चीज़ें) में उपस्थित फैटी एसिड्स मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने में मददगार सिद्ध होते है। फैट का सेवन करने से पेट अधिक समय तक भरा रहता है व ओवरईटिंग से बचा जा सकता है। इसके साथ ही यह ज़रूरी नहीं है कि जिन प्रोडक्ट्स पर लो-फैट या फैट-फ्री लिखा हो, उनमें कम कैलोरीज़ या कम शुगर हो। कई बार कुछ कंपनियां प्रोडक्ट्स का स्वाद बढ़ाने के लिए उनमें आर्टिफिशियल शुगर, सॉल्ट या फ्लेवर्स मिलाती हैं। इसलिए सुनने में भले ही थोड़ा अटपटा-सा लगे, पर फुल-फैट डेअरी (वसा युक्त) प्रोडक्ट्स आपके लिए स्वास्थ्य वर्धक हैं।
2) कार्ब्स से दूरी
एक रिसर्च के मुताबिक़ कार्बोहाइड्रेट्स- विटामिन्स, मिनरल्स व फाइबर्स प्रदान करते हैं, जो हमारे शरीर को ऊर्जा देते है। अगर हम पूरी तरह कार्ब्स का सेवन बंद कर देते हैं, तो बॉडी टिशूज़ में उपस्थित ग्लाइकोसिन कम हो जाता है व शरीर ऊर्जा के लिए पूरी तरह फैट पर निर्भर हो जाता है, इस प्रोसेस को केटोसिस कहते हैं।
ऊर्जा के लिए फैट पर निर्भर रहना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। शरीर में केटॉन्स एकत्रित होने पर सिरदर्द, नोज़िया, एकाग्रता की कमी व हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं हो जाती हैं।इसलिए बेहतर यही होगा कि सिंपल कार्ब्स जैसे- डोनट्स और मफिन्स से भले ही दूरी बनाए, लेकिन साबूत अनाज, दालें, फल और सब्ज़ियों को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें, फिर भले ही आपको अपना वज़न ही क्यों न कम करना हो।
3) लो-कैलोरी फ्रोज़ेन फूड्स का सेवन
वज़न घटाने के लिए कई लोग रात के आहार में 150 से 200 कैलोरीज़ वाला फ्रोज़न मील ग्रहण करते हैं, जो वास्तव में बेहद कम है। अगर आप दिनभर में कम खाएंग, तो आपका मेटाबोलिज़्म घट जाएगा, इसलिए इन मील्स के साथ सब्ज़ियों और फलों का भी सेवन करें। अगर आपके खाने में स्टार्च का आभाव है, तो अपने भोजन में साबूत अन्न व शकरकंद को शामिल करें।
4) लीन प्रोटीन के स्रोत के लिए देली मीट का चुनाव
रोस्ट टर्की व पका हुआ हैम शरीर में प्रोटीन की मात्रा को तेज़ी से बढ़ाने के लिए एक अच्छा तरीका है, लेकिन हाल ही में द वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइज़ेशन ने यह संशोधित किया है कि देली मीट शरीर में कोलेस्ट्रॉल कैंसर के ख़तरे को बढ़ाता है। इस विषय में द माइंड डायट की लेखिका न्यूट्रिशनिस्ट मैगी मून का बोलना है कि इस प्रकार के मीट में नमक अधिक मात्रा में होने के कारण यह डिहाइड्रेशन की वजह बन सकता है। यदि आप एक प्रोटीन स्रोत की तलाश कर रहे हैं, तो रोटिसेरी चिकन का चयन करें तथा फैट व सॉल्ट की मात्रा को कम करने के लिए उसकी स्कीन को हटाकर उसका सेवन करें।
5) फलों से परहेेज़ करना, क्योंकि इसमें शुगर अधिक होता है
हालांकि फलों में शुगर फ्रटोज़ शामिल होता है, इसलिए फलों का ज़्यादा सेवन वज़न बढ़ाने का कारण बन सकता है। लेकिन फलों में फाइबर के होने के साथ कई पोषक तत्व भी होते हैं।फलों को अपने भोजन से हटाने का अर्थ होगा जरूरी तत्व जैसे- विटामिन, मिनरल्स व बीमारी से लड़ने वाले फाइटिंग एंटीऑक्सीडेंट्स से दूर हो जाना। फल से दूरी बनाने का मतलब है कि आप इसे हाई कैलोरी स्वीट स्नैक्स, केक या कैंडी बार से बदल लेंगे, जिससे वज़न बढ़ सकता है।