• राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में संचालित हो रहा फाइलेरिया का एकीकृत उपचार केंद्र*
• बिना किसी सर्जिकल प्रक्रिया से होगा सम्पूर्ण उपचार, आयुर्वेद व योगा पद्धति बनेगी सहायक*
• इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी, केरल व बिल एंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन का वित्तीय सहयोग*
वाराणसी। अब गंभीर फाइलेरिया (हाथीपाँव) का बिना किसी सर्जिकल प्रक्रिया से उपचार संभव हो पाएगा। फाइलेरिया मुक्त भारत की दिशा में चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में आईएडी फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र पर निःशुल्क उपचार की सुविधा मौजूद है। यहाँ मौजूद आयुर्वेद और योगा पद्धति, हाथीपांव ग्रसित गंभीर रोगियों के सम्पूर्ण उपचार में मददगार साबित होगी और उन्हें सामान्य जीवन की ओर ले जा सकेगी।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार व आयुष मंत्रालय की पहल पर फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र का संचालन इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी (आईएडी), केरल द्वारा एवं बिल एंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन (बीएमजीएफ़) के वित्तीय सहयोग से किया जा रहा है। केंद्र पर गंभीर फाइलेरिया (हाथी पाँव) के उपचार के लिए चिकित्सक सहित आठ स्वास्थ्यकर्मियों का स्टाफ तैनात है।
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इसमें एक आयुर्वेद चिकित्सक, दो एलोपैथी नर्स, एक योगा थेरेपिस्ट, चार मल्टीपर्पस पैरामेडिकल स्टाफ और एक तकनीकी समन्वयक शामिल हैं। अभी केंद्र पर महिला व पुरुष के लिए 13 बेड का वार्ड तैयार हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में सभी ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि गंभीर (ग्रेड थ्री से ऊपर) फाइलेरिया रोगियों को आईएडी फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र पर संदर्भित करना जल्द सुनिश्चित करें। हर बृहस्पतिवार शाम को जनपद के फाइलेरिया नियंत्रण इकाई, रामनगर और एनसीडीसी सेंटर, ढेलवारिया में जांच की सुविधा मौजूद है।
डीएमओ ने बताया कि विभिन्न आयुर्वेदिक थेरेपी, एलोपैथ, योगा की एकीकृत पद्धति व आहार परामर्श से भर्ती रोगियों का 14 दिन तक उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही भर्ती रोगियों के ठहरने और खाने की व्यवस्था प्रदान की जाएगी। 14 दिन का उपचार पूरा होने के बाद रोगी का तीन माह तक फॉलो-अप किया जाएगा। इस एक दिवसीय फॉलो अप में रोगी की पुनः सम्पूर्ण मेजरमेंट, आयुर्वेदिक थेरेपी, योगा, मसाज तथा आहार परामर्श से उपचार किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि रोगी को जल्द से जल्द हाथीपाँव से छुटकारा दिया जाए।
रोज़ होती है सम्पूर्ण उपचार प्रक्रिया- भर्ती फाइलेरिया (हाथी पाँव) रोगियों की प्रतिदिन समय के अनुसार सम्पूर्ण उपचार प्रक्रिया होती है। इसमें रोगी की मेजरमेंट, साफ-सफाई, आयुर्वेदिक थेरेपी फांटा सोकिंग (घोल प्रक्रिया), योगा, कंप्रेशन और अंत में पुनः योगा व मसाज प्रतिदिन की जाती है।
यहां कर सकते हैं संपर्क- फाइलेरिया (हाथी पाँव) संबंधी स्क्रीनिंग, उपचार आदि के लिए चौकाघाट स्थित फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र वाराणसी के हेल्पलाइन नंबर 9567283334 पर संपर्क किया जा सकता है।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता