हाईकोर्ट ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील केस में आरोपी बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्म को तिहाड़ कारागार प्रशासन की याचिका पर जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है.तिहाड़ कारागार प्रशासन ने मिशेल को विदेश में अपने परिजनों से फोन पर हर हफ्ते 15 मिनट बात करने की सुविधा को चुनौती दी थी. अन्य कैदियों को केवल 10 मिनट बातचीत की अनुमति है.
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने मिशेल के एडवोकेट को हर हाल में तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए सुनवाई नौ अक्तूबर को तय की है. न्यायालय में पेश किए गए मिशेल ने बोला कि वह मनी लांड्रिंग मुद्दे में ट्रिब्यूनल के समक्ष सुनवाई में नहीं जा पा रहा है, क्योंकि कारागार प्रशासन उसे इसकी जानकारी नहीं देता.
ट्रिब्यूनल के समक्ष सुनवाई की तारीख की सूचना कारागार प्रशासन के पास आती है. न्यायालय के समक्ष उसने बोला कि वह प्रक्रियात्मक जटिलताओं के कारण विदेश में अपने परिवार से बात नहीं कर पा रहा है. न्यायालय के पूछने पर सरकारी एडवोकेट राहुल मेहरा ने बोला कि वह लगातार फोन पर बात कर रहा है व इसका पूरा रिकॉर्ड कारागार प्रशासन के पास है.
तिहाड़ कारागार प्रशासन ने याचिका दायर कर बोला था कि निचली न्यायालय ने परिस्थितियों का पूरा आंकलन किए बिना ही मिशेल को हर हफ्ते 15 मिनट इंटरनेशनल कॉल करने की सुविधा प्रदान की है. कारागार नियमावली के अनुसार अन्य कैदियों को यह सुविधा केवल 10 मिनट दी जाती है.
तिहाड़ कारागार का यह भी दावा था कि क्रिश्चियन मिशेल जेम्स यूके में अपने परिवार को फोन करने के बजाय इटली में अपने कानूनी सलाहकारों और अन्य कई नंबरों पर बात करता है.विदेशी कैदी केवल अपने देश में ही अपने परिजनों से बात कर सकता है. क्रिश्चिन मिशेल के कॉल रिकॉर्ड के मुताबिक, वह ज्यादातर इटली फोन कर अपने कानूनी सलाहकारों से बात करता है. उसका परिवार यूके में रहता है.