विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को जॉर्जिया पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 17वीं सदी की जॉर्जिया की महारानी संत केतेवन के अवशेष वहां आयोजित भव्य समारोह में जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली गरीबश्ली को सौंपा। जॉर्जिया पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया के बीच स्थित रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण देश है।
2005 में पुराने गोवा के संत ऑगस्टिन कॉन्वेंट में मिले थे अवशेष
इस संबंध में विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर लिखा कि विदेश मंत्री डेविड ज़लकालियनी ने तिबलिसी में पूरी गरमजोशी से स्वागत किया। सेंट महारानी केतेवन के पवित्र अवशेष जॉर्जिया के लोगों को सौंप कर अच्छा लग रहा है। भावुक पल था।
संत केतेवन 17वीं सदी में जॉर्जिया की महारानी थीं। उनके अवशेष 2005 में पुराने गोवा के संत ऑगस्टिन कॉन्वेंट में मिले थे। ऐसा माना जाता है कि ये अवशेष 1627 में गोवा लाए गए थे। अवशेषों की प्रामाणिकता की पुष्टि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद ने की थी, जिन्होंने डीएनए विश्लेषण किया था।
वहीं जॉर्जिया के विदेश मंत्री ज़लकालियानी ने अपने सम्बोधन में जयशंकर को अपने साथ जॉर्जिया की रानी केतेवन के अवशेष लाने का भी उल्लेख किया और कहा कि यह यात्रा संबंधों को मजबूत करने और संबंधों को पूरी तरह से नए स्तर पर ले जाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।
जॉर्जियाई सरकार लगातार कर रही थी अनुरोध
बता दें कि जॉर्जियाई सरकार के अनुरोध पर भारत ने 2017 में जॉर्जिया के विभिन्न चर्चों में एक साल की प्रदर्शनी के लिए पवित्र अवशेषों को जॉर्जिया भेजा था। इन अवशेषों के स्थायी हस्तांतरण के लिए जॉर्जियाई सरकार भारत से लगातार अनुरोध कर रही थी। जॉर्जियाई लोगों की ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने पवित्र अवशेषों का एक हिस्सा उपहार में देने का फैसला किया।
दो दिवसीय यात्रा पर हैं जयशंकर
विदेश मंत्री 9 जुलाई से जॉर्जिया की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, इस दौरान वह अपने समकक्ष के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ सरकारी गणमान्य व्यक्तियों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह द्विपक्षीय यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 1991 में सोवियत संघ से आजादी के बाद पहली बार किसी भारतीय विदेश मंत्री ने जॉर्जिया का दौरा किया है।