तीन दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने दूसरे दिन गुरुवार को मॉस्को के ‘प्राइमाकोव इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड इकनॉमी एंड इंटरनेशनल रिलेशंस’ में ‘बदलती दुनिया में भारत और रूस के रिश्ते’ विषय पर आयोजित चर्चा को संबोधित किया। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपना संबोधन अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक से पहले दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया में भारत और रूस के संबंध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में सबसे प्रमुख स्थिर रिश्तों में से एक है। दुनिया में आए बदलाव के बावजूद भारत-रूस संबंध दिन ब दिन मजबूत हुए हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस दोनों के अपने राष्ट्रीय हित स्पष्ट हैं और उन्हें कैसे प्राप्त करना यह भी दोनों देश जानते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब हम अपने विकल्पों को विस्तार देते हैं तो हमें अपने महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के हितों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। विदेश मंत्री जयशंकर की इस बात को पाकिस्तान की तरफ रूस के बढ़ते झुकाव को देखते हुए इशारों-इशारों में रूस को दिए गए संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ‘इंडो पैसिफिक क्षेत्र में हुए नये विकास ने जोखिम और अवसरों के साथ हमारी समझ को फिर से परिभाषित किया है। ऐसा नहीं है कि अंतर्राष्ट्रीय संबंध कभी बदलते नहीं है। हममें से कोई भी इन बदलती वास्तविकताओं को नकारने का जोखिम नहीं उठा सकता है।
अपने संबोधन में विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-रूस के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत कई अन्य क्षेत्रों में चल रहे सहयोग को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ”अगर मुझे दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग का उदाहरण देना हो तो मैं विशेष रूप से स्पुतनिक वैक्सीन की का देना चाहूंगा। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि इससे न केवल भारत को बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सार्वजनिक स्वास्थ्य को बड़ा लाभ मिला है।
जॉर्जिया की यात्रा पर जाएंगे विदेश मंत्री: रूस की अपनी तीन दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बाद विदेश मंत्री डा० एसं० जयशंकर आज जॉर्जिया की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे और इस दौरान वह वहां अपने समकक्ष के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विविध पक्षों तथा क्षेत्रीय और वैश्विक हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। किसी भारतीय विदेश मंत्री की स्वतंत्र जॉर्जिया की यह पहली यात्रा होगी।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी