किताब का एक अंश
‘मान लीजिए, मेरा मन चाह रहा हो कि मैं समुद्र स्नान का आनन्द लेना चाहूँ, सीताकुण्ड पहाड़ पर जाऊँ, बिहार के सालवन में जाऊँ, काप्तुई झील में स्पीड बोट लेकर सारा दिन घूमती रहूँ, पद्मा नदी में तैरती रहूँ, तो मुझे क्या करना होगा ? एक मर्द का जुगाड़ करना होगा !
बग़ैर पुरुष के लड़कियाँ दूर कहीं जा नहीं सकतीं, चाहे वे किसी आयु की क्यों न हों ? बस में चढ़ने पर कण्डक्टर पूछता है, आपके साथ कोई आदमी नहीं है ? वे इस बात से निश्चित रहते हैं कि साथ में एक आदमी यानी मर्द ज़रूर ही होगा। ‘
नष्ट लड़की नष्ट गद्य
लेखिका ने पुस्तक में बोला है, अंडा नष्ट होता है, दूध नष्ट होता है, नारियल नष्ट होता है व लड़की भी नष्ट होती है। किसी भी चीज़ की तरह हमारा समाज किसी लड़की को ‘नष्ट’ कहकर चिह्नित कर सकता है।
इस समाज में खुद को मैं ‘नष्ट’ बोलना पसंद करती हूँ; क्योंकि यह हकीकत है कि यदि कोई स्त्री अपने दुख, दैन्य, दुर्दशा को दूर करना चाहती है; धर्म, समाज व देश के अभद्र नियमों के विरूद्धडटकर खड़ी होना चाहती है; हेय ठहराने वाली सभी प्रथाओं-व्यवस्थाओं का विरोध करके अपने अधिकारों के प्रति सजग होने लगती है तो समाज के ‘भद्र पुरुष’ उसे ‘नष्ट लड़की’ करार देते हैं।अच्छा भी है, स्त्री के ‘मुक्त’ होने की पहली शर्त ही है-नष्ट होना है। ‘नष्ट’ हुए बिना इस समाज के नागपाश से किसी भी स्त्री को मुक्ति नहीं मिल सकती। वही स्त्री सचमुच सुखी व प्रबुद्ध इंसान है, जिसे लोग ‘नष्ट अथवा बदनाम’ कहते है।
इज़ाडोरा डंकन की आत्मकथा- माय लाइफ
इज़ाडोरा अमेरिकी नर्तक थीं। उन्हें कई लोग आधुनिक नृत्य की जननी मानते हैं। उनकी लिखी यह आत्मकथा वैसी महिलाओं की छाया दर्शाती है जिन्होंने अपनी जिंदगी कला को समर्पित कर दी। किताब कई सवाल खड़े करती है, जैसे- क्या कलाकार स्त्री एक सहज जिंदगी नहीं जी सकती ? इज़ाडोरा ने अपनी किताब के माध्यम से कला से जुड़ी महिलाओं की जिंदगी में आने वाली समस्याओं की कई पर्ते खोल दीं, जिसकी तत्कालीन समय के आलोचकों व कट्टरपंतियों ने जमकर आलोचना की।
अगर आपकी रुचि डांस, आर्ट जैसी चीजों में है तो यह किताब जरूर पढ़ें।
ए रूम ऑफ वन्स ओन
किताब की पूरी पृष्ठभूमि इसके ईर्द-गिर्द सिमटी है कि यदि एक महिला को उपन्यास लिखना है तो उसके पास पैसा व खुद का एक कमरा होना चाहिए। एक महिला के लिए उसका खुद का कमरा होना कितना ज़रूरी है। उसके विचारों को गति व लिखने की क्षमता को समृद्ध करने के लिए एक खुद का कमरा कितना जरूरी होने कि सम्भावना है।