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Fatty Liver: आंवला और अदरक से करें लक्षणों को रिवर्स, जानें डाइट में शामिल करने का सही तरीका

आजकल की बिजी लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कई बीमारियां घेर लेती हैं। इन्हीं में से एक समस्या फैटी लिवर की है। बता दें कि खाना ठीक से न पचना, थकान, पेट के ऊपरी सीधे हिस्से में दर्द, ब्लोटिंग, अधिक गैस बनना और उल्टी जैसा महसूस होना आदि फैटी लिवर के लक्षण होते हैं। आमतौर पर अनहेल्दी खानपान, फैट जमा होने और अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से यह समस्या होती है। ऐसे में इन लक्षणों को मैनेज करने के लिए व्यक्ति को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए।

आप खानपान में हेल्दी चीजों को शामिल करने के साथ लाइफस्टाइल से जुड़ी हेल्दी आदतों को अपनाकर फैटी लिवर की समस्या से बच सकती हैं। वहीं फैटी लिवर के लक्षणों को कम करने में अदरक और आंवला भी फायदेमंद होता है और यह लिवर हेल्थ में भी सुधार करता है। ऐसे में आप अदरक और आंवला को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप इसको डाइट में किस तरह से शामिल कर सकते हैं।
आंवला और अदरक का ऐसे करें इस्तेमाल
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो फैटी लिवर के लक्षणों को मैनेज करने में अदरक और आंवला दोनों ही फायदेमंद होता है।
आप इस समस्या से निजात पाने के लिए अदरक को पानी में उबालकर पी सकते हैं। वहीं कच्चा आंवला डाइट में शामिल कर सकती हैं। आप चाहें तो खाली पेट कच्चे आंवले को काले नमक के साथ खा सकती हैं।
आप इसका अधिक फायदा पाने के लिए 1 आंवला, एलोवेरा, आधा इंच अदरक, 1 लहसुन की कली और तुलसी की 4-5 पत्तियों को पानी के साथ ब्लेंड करके पिएं।
आंवला में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी पाया जाता है। यह आपके लिवर को स्वस्थ रखने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी फायदेमंद होता है।
बता दें कि आंवला लिवर डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ाता है और लिवर में जमा गंदगी को दूर करने में सहायक होता है।
आंवले में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह बॉडी में मौजूद इंफ्लेमेशन को कम करता है।
वहीं अदरक पाचन तंत्र को मजबूत करता है और गैस और ब्लोटिंग की समस्या को कम करता है। साथ ही अदरक शरीर में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद करती है।
लहसुन में एलिसिन और सेलेनियम जैसे कंपाउंड पाया जाता है, जो फैटी लिवर की समस्या को कम करने में मदद करता है।
लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, तो लिवर की सूजन और  ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में सहायक होता है।
एलोवेरा जूस लिवर हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और इसके एंटी ऑक्सीडेंट्स लिवर सेल्स को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
तुलसी के पत्ते में हेपाटो प्रोटेक्टिव गुण पाया जाता है, जो लिवर को डैमेज होने से बचाता है।

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