लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UP SDMA) और लखनऊ नगर निगम (LMC) के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ‘लखनऊ सिटी हीटवेव एक्शन प्लान 2025’ (Lucknow City Heatwave Action Plan 2025) पर एक जागरूकता कार्यशाला (Awareness Workshop) का आयोजन किया गया। यह वर्कशॉप SBM कार्यालय एल्डेको ग्रीन, गोमती नगर में आयोजित हुई, जिसमें सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य लखनऊ को लू (हीटवेव) के प्रभाव से सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक रणनीतियों और तैयारियों पर चर्चा करना था। इस दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, पशुपालन, बहु-एजेंसी समन्वय और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि UP SDMA के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी (सेवानिवृत्त) ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 19 मार्च को हुई बैठक के निर्देशानुसार, लू के प्रभाव को कम करने के लिए पानी और छाया की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
कार्यशाला में विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों ने हीटवेव से निपटने के लिए प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने बताया कि गर्मी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय जरूरी है। सभी जिलों को हीटवेव से बचाव के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। गर्मी से सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे प्रभावित होते हैं, इसलिए उनके लिए विशेष इंतजाम किए जाएं।स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी से होने वाली बीमारियों और पशुओं की देखभाल के लिए आवश्यक तैयारियों की जानकारी दी।
कार्यशाला में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि लू से बचाव के लिए शहर में ग्रीन बेल्ट विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर छाया और पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी। स्लम इलाकों के घरों की छतों पर सफेद पेंट/चूना लगाया जाएगा, जिससे तापमान 3-4°C तक कम किया जा सके। गर्मी से बचने के लिए ‘छाया-पानी और ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन)’ का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। सड़क किनारे और खुले स्थानों पर अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे शहर का तापमान कम किया जा सके।