- हेड ऑन जनरेशन सिस्टम अपनाने से 203 करोड़ रुपए मूल्य के 2.36 करोड़ लीटर डीजल की बचत हुई
लखनऊ। उत्तर रेलवे ने परंपरागत डीजल इंजन चालित पावर कारों से डिब्बों को लाइटिंग और वातानुकूलन की सुविधा प्रदान करने वाली लंबी दूरी की प्रमुख यात्री और शताब्दी राजधानी रेलगाडि़यों को सीधे विद्युत इंजन से ही बिजली की आपूर्ति करने के लिए उन्हें हेड ऑन जनरेशन प्रणाली में बदला है। महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि उत्तर रेलवे हेड ऑन जनरेशन प्रणाली के जरिए 85 प्रतिशत रेलगाडि़यों का संचालन कर रहा है, जिससे 203 करोड़ रुपए मूल्य के 2.36 करोड़ लीटर डीजल की बचत हुई है।
हेड ऑन जनरेशन प्रणाली एक विद्युत आपूर्ति प्रणाली है जिसके अंतर्गत रेलगाड़ी में लाइटिंग, पंखे, वातानुकूलन एवं अन्य विद्युत आवश्यकताओं के लिए विद्युत आपूर्ति रेलगाड़ी के इंजन से ली जाती है। इस प्रणाली की शुरूआत से बिजली आपूर्ति के भारी उपकरणों की उपयोगिता समाप्त हो जाती है । साथ ही एंड ऑन जनरेशन के द्वारा पावर कारों में लगाए जाने वाले डीजन सेटों की भी आवश्यकता नहीं रहती है । इस नई प्रणाली से विद्युत की लागत में कमी, शोर और प्रदूषण तो कम होता ही है साथ ही बेहतर पर्यावरण के लिए कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है।
रिपोर्ट-दयाशंकर चौधरी