बाबरी मस्जिद को लेकर एक बार फिर से जफरयाब जिलानी आगे आए हैं। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी अगले सप्ताह बाबरी मस्जिद के अवशेष पर दावा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। उनका कहना है कि हमने अपने वकील राजीव धवन के साथ चर्चा की है और उनका भी विचार है कि हमें मस्जिद के अवशेष पर दावा करना चाहिए। लिहाजा हम अगले सप्ताह दिल्ली में बैठक कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य और वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि शहर का नाम बदलने और उसकी नगरपालिका की सीमा का विस्तार करने का मतलब यह नहीं है कि जिस जमीन की पेशकश की गई है, वह अयोध्या में ही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल दिवाली के दौरान फैजाबाद जिले का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया था। मुकदमे से संबंधित सभी दस्तावेजों में अयोध्या एक छोटा शहर है, फैज़ाबाद का शहर है। अब सरकार द्वारा बनाए गए नए जिले में इस अयोध्या की बराबरी नहीं की जा सकती।
मस्जिद के लोकशन से नाखुश पक्षकार
आपकों बता दें कि मस्जिद को लेकर दी गई जमीन को लेकर मुस्लिम पक्षकार नाखुश हैं। कहा जा रहा हैं मस्जिद के लोकेशन को लेकर उनका कहना है कि जमीन नगर केंद्र से बहुत ज्यादा दूर हैं। इस मामले के पक्षकार मोहम्मद उमर ने कहा कि जमीन का स्थान प्रमुख जगह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अयोध्या में किसी भी प्रमुख स्थान पर जमीन आवंटित की जानी चाहिए, लेकिन आवंटित भूमि गांव में है और सड़क से 25 किलोमीटर दूर है, इसलिए यह प्रमुख स्थान नहीं है।
मस्जिद के नाम पर उत्तर प्रदेश सरकार ने पत्रकारों को बताया कि लखनऊ राजमार्ग पर अयोध्या में सोहावाल तहसील के धन्नीपुर गांव में जमीन का आवंटन पत्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दिया गया है। भूमि का यह टुकड़ा जिला मुख्यालय से कुल 18 किलोमीटर दूरी पर है।