प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गांवों को आत्मनिर्भर तथा गरीबी एवं बीमारी से मुक्त बनाने के लिये जातिवाद के जहर को समाप्त करना जरूरी है क्योंकि जातिवाद का जहर गांवों को बिखेर देता है, विकास के सपने को चूर चूर कर देता है। गांव के विकास कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर और लक्ष्य के अनुरूप पूरा किये जाने की जरूरत है। नानाजी देशमुख जन्म शताब्दी समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार गांवों के सामर्थ्य, रुचि और प्रकृति को जोड़कर ग्रामोदय की दिशा में काम कर रही है और कोई चीज थोपना नहीं चाहती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांव का विकास कैसे हो ? इसके लिए सरकार गंभीर है। हमारा प्रयास है कि गांव की अपनी जो शक्ति है, सबसे पहले उसी को जोड़ते हुए विकास का मॉडल बनाया जाए। जो सुविधाएं शहर में हैं वैसी अगर हम गांव में दे दें तो एक जीवन स्तर में बदलाव आएगा जो लोगों को गांव में रहने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि गांव आत्मनिर्भर बने, गांव गरीबी से मुक्त बने, गांव बीमारी से मुक्त बने। गांव में जातिवाद का जहर समाप्त हो क्योंकि जातिवाद का जहर गांवों को बिखेर देता है, विकास के सपने को चूर चूर कर देता है। गांव समृद्ध बने और सभी को जोड़ने वाला बने, ऐसे गांव के विकास के लिये भारत सरकार योजनाएं तैयार कर रही है और इस दिशा में प्रयास कर रही है। गांव को आत्मनिर्भर करना जरुरी है।
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