नई दिल्ली। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन आज दूसरे दिन सहमति पर नहीं पहुंच सके। इसी बीच सूचना है कि बातचीत के दौरान मध्यस्थों ने प्रदर्शनकारियों के आचरण से नाराज हो कर कहा है कि बातचीत ऐसे हालात में नहीं हो सकती है। इसके पूर्व वार्ताकारों में से एक सुधा रामचंद्रन ने कहा कि बंद सड़क को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हमें आपके बीच भेजा है। हमें संभल कर बातचीत करनी है। संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट है, तब तक आपकी बात सुनी जाएगी। प्रदर्शन स्थल पर बुधवार को सुबह से ही लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। प्रदर्शन स्थल पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त वार्ताकार की बात सुनने के लिए लोगों की खासी रुचि देखने को मिली। बुधवार की शाम लगभग 3:30 बजे सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन प्रदर्शनकारियों से सीधे बातचीत के लिए पहुंचे। शाम 5 बजे तीसरे वार्ताकार पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की थी।
संजय हेगड़े ने अपनी बात की शुरुआत ‘नमस्ते, आदाब, सत् श्री अकाल’ से की। उन्होंने कहा कि हम सबकी बात सुनने आए हैं, हमें कोई जल्दबाजी नहीं है, आराम से हम सभी की बात सुनेंगे। उन्होंने कहा, मुझे एक कहावत याद आ रही है कि मां के पांव तले जन्नत होती है, सभी मांओं, बहनों को जो उम्र में बड़ी हैं, उनकी बातें पहले सुनेंगे और उसके बाद एक-एक कर आप अपनी बातें रख सकते हैं। एक घंटे तक आपकी बातें सुनेंगे और हम लोग लगातार 4 दिन यहां आपकी बातें सुनने के लिए आते रहेंगे। हेगड़े ने कहा कि हम केवल सुनने के लिए ही नहीं, इस प्रदर्शन को समझने के लिए आए हैं। हम आपकी बातें ज्यादा सुनेंगे, अपनी बातें कम रखेंगे।
वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछते हुए कहा कि आप मानते हैं कि हम सब नागरिक हैं और क्या आप मानते हैं कि संविधान में हम सबका हक है। हल भी हम सबको मिलकर निकालना चाहिए। क्या यह रास्ता खुलना नहीं चाहिए। आपकी आवाज भी बुलंद और बरकरार रहनी चाहिए। एक छोटा सा हल हमें निकालना है कि रोड भी खुल जाए और लोग इस्तेमाल करें। उसके बाद प्रदर्शनकारियों की तरफ से जोरदार ना की आवाज आते हुए बोला कि रोड तो तब तक नहीं खुलेगी जब तक सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर सरकार पीछे नहीं हटती है।
हालांकि पहले दिन वार्ता बेनतीजा रही। रोड खोलने को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा है कि वह सीएए वापस लेने व एनपीआर लागू नहीं करने की अपनी मांगे माने जाने के बाद ही सड़क से हटेंगे। शीर्ष न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को है। अभी वर्ताकारों के बाद अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय है। ऐसे में आज 20 फरवरी को एक बार फिर वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने जाएंगे। साधना रामचंद्रन ने कहा कि अगर पुलिस के द्वारा बंद रास्ते खुल जाएगा तो क्या रास्ते की दिक्कतें खत्म हो जाएगी? तो प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस द्वारा बंद रास्ते खुल जाए तो रास्ते का समाधान निकाल जाएगा। बातचीत करने के बाद संजय हेगड़े ने कहा कि वह सबकी बात सुनकर बहुत प्रभावित हुए हैं। हम लोग बातचीत से इस मसले का हल जरूर निकाल लेंगे। करीब 2 घंटे प्रदर्शनस्थल पर बिताने के बाद मध्यस्थता पैनल शाम 5 बजे वापस लौट गया।