पिछले वर्ष दिसंबर में चीन के वुहान शहर में खतरनाक कोरोना वायरस का प्रकोप फैला और देखते ही देखते हुबेई प्रांत को अपनी चपेट में ले लिया। हुबेई में कोरोना वायरस से संक्रमित जितने भी लोगों ने बाहर के देशों में यात्राएं कीं उन्होंने औरों के बीच संक्रमण फैलाया।
इस वायरस का संक्रमण जेलों में फैलने की खबर के बीच चीनी राष्ट्रपति ने कहा है कि अभी इस बीमारी का भयानक रूप आना बाकी है। चीन सरकार के अनुसार अभी तक करीब 2300 लोगों की मौत हुई है। इस आंकड़े पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसका कारण यह है कि चीन ने इस बीमारी के बारे में समय पर सूचना देने का काम नहीं किया। उलटे उसने उस चिकित्सक को प्रताड़ित किया जिसने इस खतरनाक वायरस के सक्रिय होने की आशंका जताई थी। जब उस चिकित्सक की मौत हो गई और लोगों का गुस्साa भड़का तब चीन सरकार होश में आर्ई।
हो सकता है कोरोना वायरस जैविक युद्ध के लिए तैयार किया गया हो
माना जा रहा है कि यह भयंकर वायरस वुहान शहर के उस बाजार से फैला जहां चमगादड़, सांप जैसे जीवों के मांस की बिक्री होती है। एक अंदेशा यह भी है कि कोरोना वायरस जैविक युद्ध के लिए तैयार किया गया हो सकता है। अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन के इस अंदेशे की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि चीन इसके पहले सार्स नामक वायरस की चपेट में आया था। उससे भी सैकड़ों लोग मरे थे। उस दौरान चीन ने आवाजाही पर पाबंदी लगाने के साथ ही अपने आप को एक तरह से विश्व से काट लिया था। तब चीन आने-जाने वाली अधिकतर विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। इस समय भी यही स्थिति है।
भारत अपने कुछ और नागरिकों को चीन से लाने को तैयार है
आम तौर पर चीन से अपने लोगों को निकालने के लिए ही विमान सेवाओं का इस्तेमाल हो रहा है। भारत ने भी वुहान से अपने नागरिकों को तत्परता से निकालने का सराहनीय काम किया है। वहां से लाए गए संदिग्ध रोगियों को अलग रखकर उनकी सेहत पर निगाह रखी गई। अब वे स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। यह भी राहतकारी है कि केरल में जो तीन लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रस्त पाए गए थे वे भी ठीक हो चुके हैं। भारत अपने कुछ और नागरिकों को चीन से लाने को तैयार है, लेकिन अभी तक चीनी प्रशासन ने भारतीय विमान के वुहान आने की अनुमति नहीं दी है। पता नहीं वह आनाकानी क्यों कर रहा है? क्या वह कुछ छिपा रहा है?
25 देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज पाए गए
कोरोना वायरस किस तरह पूरी दुनिया के लिए भयावह खतरा बन गया है, इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि करीब 25 देशों में इस वायरस से संक्रमित मरीज पाए गए हैं। कई देशों में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत होने से आशंका और बढ़ गई है।
कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने की आशंका विश्व अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गई है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं, दुनिया का कारखाना भी है। चीन में बने हर तरह के उत्पाद दुनिया भर में इस्तेमाल होते हैं। विश्व के तमाम देश चीन से कच्चा माल और कलपुर्जे भी मंगाते हैं। चीन जहां तमाम वस्तुओं का निर्यातक है वहीं आयातक भी। अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने उत्पाद चीन स्थित कारखानों में बनाती हैं, क्योंकि वहां कच्चा माल के साथ ही श्रम भी सस्ता है। कई भारतीय कंपनियां भी कच्चे माल अथवा कलपुर्जों के लिए चीन पर निर्भर हैं।