जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 20 फरवरी को ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) से निष्कासित प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
दरअसल, पटना की एक अदालत ने उनकी कंटेंट चोरी मामले में जमानत की अर्जी खारिज कर दी है. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की 12 नंबर की अदालत में उन्होंने जमानत की अर्जी डाली थी, इसे अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. शाश्वत गौतम नामक शख्स ने प्रशांत किशोर पर कंटेट चोरी करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज कराया था.
शाश्वत गौतम ने पटना के पाटलिपुत्र थाने में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद प्रशांत किशोर ने जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. शाश्वत ने प्राथमिकी में उनके खिलाफ ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम के लिए कंटेंट चोरी करने का आरोप लगाया है. शाश्वत गौतम ने प्रशांत के अलावा एक युवक ओसामा पर भी कंटेंट चोरी का आरोप लगाया है.
ओसामा पटना यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ का चुनाव लड़ चुका है. शाश्वत गौतम ने आरोप लगाया कि ‘बिहार की बात’ नाम से उन्होंने एक प्रोजेक्ट बनाया था. वह इसे भविष्य में लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहे थे. इस बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा ने इस प्रोजेक्ट का सारा कंटेंट प्रशांत किशोर के हवाले कर दिया.