यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी केस दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है। सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने सात मार्च को यस के संस्थापक राणा कपूर, डीओआईटी अर्बन वेंचर्स कंपनी, कपिल वधावन और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत एफआईआर दर्ज की है। प्रवर्तन निदेशालय ने राणा कपूर को 11 मार्च तक हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ लगातार जारी रहेगी। सीबीआई की टीम आज (9 मार्च) दिल्ली से मुंबई जाएगी और मामले की जांच को आगे बढाएगी। यस बैंक पर मंडराए खतरे के बाद सरकार ने यह एक्शन लिया है।
ईडी ने सबसे पहले राणा कपूर को हिरासत में लिया, उसके बाद राणा कपूर की बेटी रोशनी कपूर को एयरपोर्ट पर रोका गया। राणा कपूर की गिरफ्तारी के बाद बीती रात ईडी ने उनकी पत्नी और एक बेटी से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। हालांकि इस पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने दिया गया है। लेकिन जांच में सहयोग करने के लिए बोला गया है। रिपोर्ट के मुताबिक रविवार रात करीब दस बजे आरोपी राणा कपूर की बेटी और पत्नी ईडी के दफ्तर पहुंचीं थी। जहां करीब 2 घंटे तक दोनों से पूछताछ की गई।
वर्तन निदेशालय ने राणा कपूर पर क्या लगाए हैं आरोप
ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत राणा कपूर से सात घंटे पूछताछ कर बयान दर्ज किया था। इसके अलावा और अधिक जानकारी एवं सबूत जुटाने के लिए कपूर की तीन बेटियों के दिल्ली और मुंबई स्थित परिसरों पर शनिवार को छापे भी मारे। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार रात वर्ली इलाके में ‘समुद्र महल’ परिसर में राणा के आवास की तलाशी ली थी और उससे वहां भी सख्त सवाल जवाब किए गए। अधिकारियों ने कहा कि कपूर के खिलाफ मामला घोटाले से प्रभावित डीएचएफएल से जुड़ा हुआ है, क्योंकि बैंक द्वारा कंपनी को दिया गया कर्ज कथित रूप से गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित कर दिया गया है।
डीएचएफएल द्वारा एक कंपनी को 600 करोड़ रुपये का ऋण देना भी ईडी की जांच के दायरे में है। कपूर के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी कुछ कारपोरेट संस्थाओं को दिए गए ऋण और कथित रूप से रिश्वत के रूप में कुछ धनराशि कपूर की पत्नी के खातों में जमा किये जाने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच भी कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच दायरे में हैं, जिसमें एक मामला उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित है।
राणा कपूर के परिवार से हुई पूछताछ
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शनिवार को घोषणा की कि वह संकट से घिरे यस बैंक की 2,450 करोड़ रुपये में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। उसने स्पष्ट किया कि इस खरीदारी के बाद पुनर्गठित बैंक में जमाएं और देनदारियां पहले की तरह बनी रहेंगी। यस बैंक इससे पहले पूंजी जुटाने में असफल रहा था।
रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श कर यस बैंक के निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया और उसमें प्रशासक नियुक्त कर दिया। बैंक के लेनदेन पर रोक लगाते हुये तीन अप्रैल तक ग्राहकों के लिये खाते से निकासी को 50,000 रुपये पर सीमित कर दिया। स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा, “यस बैंक के दो रुपये अंकित मूल्य वाले 255 करोड़ शेयर हैं। एसबीआई को 2,450 करोड़ रुपये में 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 245 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। ये पुनर्गठित बैंक की शेयर पूंजी का 49 प्रतिशत होगा।