उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारियों के बीच दोनों बोर्ड की गोपनीय फाइलें चोरी होने का मामला साने आया है। दोनों बोर्ड के 5 साल से ज्यादा के सभी पुराने रिकॉर्ड गायब हैं। शिया-सुन्नी बोर्ड की ऑडिट कराने वाली फाइलें गायब हुई हैं। योगी सरकार ने दोनों बोर्ड में हुई अनियमितताओं के लिए पिछले दिनों सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। लेकिन जांच शुरू होने से ठीक पहले ही ऑडिट संबंधी फाइलें गायब होने से कई तरह से सवाल उठ रहे हैं। यह महज संयोग है या फिर साजिश इसकी पड़ताल अब पुलिस करेगी।
जानकारी के अनुसार वक़्फ़ बोर्ड के पिछले 5 साल के विशेष ऑडिट संबंधी फाइल चोरी हुई हैं। बता दें योगी सरकार ने शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड में घपले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। अभी तक सीबीआई की तरफ से जांच शुरू नहीं की गई है। सीबीआई जांच शुरू होने से पहले महत्वपूर्ण फाइलें गायब होने पर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
बता दें उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में जमीनों की धांधली और बेईमानी की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। बीजेपी सरकार बनने के फौरन बाद मौजूदा अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा की सिफारिशों के बाद दोनों ही वक्फ बोर्डों में धांधली की जांच के लिए सीबीआई से सिफारिश की गई थी। इस मामले में कई चरणों की जांच हो भी गई थी लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ तब आया, जब विभाग से गोपनीय फाइलें चोरी हो गईं।
मामले में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा कहते हैं कि वक्फ बोर्डों में धांधली बहुत चरम पर थी और इसीलिए हमने ऑडिट की सिफारिश की थी ताकि सीबीआई जांच प्रभावी हो सके। लेकिन पिछले 5 सालों की ऑडिट रिपोर्ट का गायब हो जाना इस बात को बताता है कि कहीं ना कहीं संलिप्तता बहुत बड़े पैमाने पर थी। लिहाजा इन फाइलों को गायब किया गया है।
उन्होंने कहा कि फौरी तौर पर एक एफआईआर हजरतगंज थाने में करा दी गई है लेकिन इस मामले की जांच विभागीय भी कराई जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो एसआईटी की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में धांधली की शिकायतों के बाद भी हमने सीबीआई की जांच के लिए केंद्र सरकार को लिखा था लेकिन इसकी जरूरत अब ज्यादा महसूस होती है। इसलिए जल्द से जल्द सीबीआई जांच होनी चाहिए थी।