हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।भगवान शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है, क्योंकि ये हर इंसान को कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं।
शनि देव अपने भोग काल में उन्हीं को नुकसान पहुंचाते हैं जिनके कर्म बुरे होते हैं। इस दिन शनि दोषों से मुक्ति के लिए शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन शनि जयंती के दिन कुछ कामों को भूल कर भी ना करें। आइए जानते हैं उन कामों के बारे में जिनसे भगवान शनि नाराज हो सकते हैं।
- -शनि जयंती के दिन इस बात का ध्यान रखें कि आप तुलसी, बेल पत्र या पीपल के पत्ते को ना तोड़े। इससे आप शनि के प्रकोप के घेरे में आ सकते हैं।
- -शनि जयंती के दिन कांच की वस्तुएं खरीदना वर्जित माना गया है। यानी इस दिन बाजार से शीशे की वस्तुएं खरीदकर घर नहीं लानी चाहिए।
- -शनि जयंती पर किसी मंदिर में शनिदेव के दर्शन करने जाएं तो एक बात का ध्यान रखें कि भूल से भी उनकी आंखों को न देखें। माना जाता है कि इससे शनिदेव नाराज हो जाते हैं।
- -शनि अमावस्या के दिन ध्यान रखें कि घर पर लोहे से बनी कोई चीज ना लेकर आए। शनि जंयती पर लोहे की चीजें खरीदने से भगवान शनि नाराज हो जाते हैं। और ऐसा करना आपको कंगाल कर सकता है।
- -माना जाता है कि सरसों का तेल, लकड़ी और काली उड़द का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। लेकिन अगर आप भूल से भी शनि जयंती पर इन चीजों को खरीदकर घर लाते हैं तो आपको शनिदेव की बुरी नजर का सामना करना पड़ सकता है।
- -माना जाता हैं की शनि जयंती के दिन कोरे वस्त्र यानी नए कपड़े या नए जूते-चप्पल नहीं खरीदने चाहिए। इस तरह की नई चीजें खरीदकर घर लाना शुभ नहीं माना जाता है।
- -शनि जयंती पर बाल न कटवाएं, नाखून ना काटें. ऐसा करने से आपकी आर्थिक तरक्की रुक सकती है।