राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेताओं पर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा की चाल नहीं चलने देंगे।
गहलोत ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा पर एक के बाद एक कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग तिकड़मी है, बकरामंडी में जिस तरह लोग बकरा खरीदते हैं वैसे भाजपा के लोग विधायकों को खरीद रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात में सात विधायकों को खरीद कर दो सीटें जीत गए। लेकिन राजस्थान में हमने इनकों सबक सिखाया, लेकिन ये लोग मानने वाले नहीं है। वापस अपना असली चेहरे पर आ रहे हैं और विधायकों को प्रलोभन दे रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने देश और लोकतंत्र को बचाए रखा।
अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तब ऐसी बात नहीं थी, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा के लोग खुलकर जाति और धर्म के नाम राजनीति कर लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया की यह सोच नहीं होगी, वे आरएसएस के खांटी नेता है लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां और राजेन्द्र राठौड़ दिल्ली में बैठे अपने नेताओं के इशारे पर जिस तरह का खेल खेल रहें हैं, यह सारी बातें जनता के सामने आ गई है। आने वाले समय में जनता इन्हें सबक सिखाएगी। हॉर्स ट्रेडिंग राजस्थान में कभी नहीं हुई। बसपा कानून के अनुसार कांग्रेस में मर्ज हुई है।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम सभी को साथ लेकर कोरोना महामारी से लड़ने में जुटे हैं। जीवन व आजीविका बचाने में जुटे हैं। प्रदेश की जनता से हमारा सम्पर्क है। राजस्थान के मैनेजमेंट की चर्चा पूरे देश में हो रही है। वहीं भाजपा सरकार गिराने में लगी है। कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों और नेताओं को सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
गहलोत ने केन्द्र सरकार पर सीबीआई, ईडी और इंकमटैक्स जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है। लोग टेलिफोन पर बात नहीं कर पाते वाट्सएप पर बात करते हैं। ये हालात पहले कभी नहीं थे लोग खुलकर बोलते थे।
गौरतलब है कि राजस्थान में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शुक्रवार को राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर एफआईआर दर्ज कर दो लोगों को फोन टेपिंग के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इसके बाद से ही प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गया है।