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भ्रष्टाचार में शिष्टाचार का तड़का, जिला मुख्यालय में रखे भू-अभिलेखो में हुआ फेरबदल 

औरैया। बिधूना तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुदरकोट जोकि पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि कुदरकोट का नाम इतिहास से लेकर कई धार्मिक ग्रन्थों में वर्णित है। जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सूबे में सरकार बनी तब से कुदरकोट के वासिंदो में एक नई उम्मीद जागी और कुदरकोट में किला भूमि से अबैध कज्बा हटाने के सपने देखने लगे। भले ही सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार हो लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की मानसिकता आज भी पूर्व की सरकारों की नीति पर बनी हुई है।

अभी हाल में ही सूबे की सरकार की सरकारी मशीनरी की पोल खोलने वाला आठ पुलिस कर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे भले ही मार दिया गया हो, लेकिन सूबे की सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर वो एक बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा गया है। आखिर विकास दुबे के द्वारा आठ पुलिस कर्मियों की हत्या किये जानें के पूर्व उसे किसका संरक्षण रहा, जिससे वह अपराध दर अपराध को बढ़ावा देता रहा है। जिस प्रकार विकास दुबे के साथ मिलकर प्रशासनिक अधिकारी मोटी कमाई का शॉर्टकट फंडा अपना उसके अपराध में साथ देते रहे, ठीक उसी प्रकार से जनपद औरैया के बिधूना कोतवाली क्षेत्र कुदरकोट, कसा ग्राम निवासी रामनरेश यादव उर्फ मान सिंह, बलराम सिंह, अशोक आदि की प्रशासनिक अधिकारियों से अच्छी खासी सांठगांठ चलती आ रही है।

रामनरेश यादव भले ही समाजवादी पार्टी का नेता हो, लेकिन उसका सिक्का आज भी भाजपा सरकार में उसी तरह से चल रहा है। कुदरकोट के कई ग्रामीणों ने दबी जुबान से बताया कि रामनरेश यादव और उसके भाई ने किला भूमि पर अवैध कब्जा कर अपना आलीशान मकान, कालेज आदि का निर्माण करावा रहा है। किला भूमि विवाद के चलते वर्षो से हो रही कागजी लिखापढ़ी के खेल में कुछ समय पूर्व किला भूमि गाटा संख्या 736ख पर अवैध कब्जा मुक्त करा जुर्माना भी किया जा चुका है।

इसके बाद फिर कागजी कार्यवाही सरकारी दफ्तरों में ही दफन हो गई। इतना ही नहीं जिले में बैठे जिम्मेदारों के बीच भरष्टाचार में आपसी सहमति और शिष्टाचार देखने को मिला जहाँ पर जिला मुख्यालय औरैया ककोर में भू-अभिलेखागार में तहसील बिधूना क्षेत्र के ग्राम कुदरकोट किला भूमि गाटा संख्या-736ख जोकि सन 2018 तक आकार पत्र 45 के अभिलेखों में दर्ज थी। जो 8 नवंबर 2019 की आकार पत्र 45 की नकल से किला भूमि संख्या-736ख गायब कर दिया गया है।

ग्राम कुदरकोट के निवासियों की माने तो किला भूमि गाटा संख्या-736ख का क्षेत्रफल 2-809 हेक्टेयर है, जोकि बेसकीमती भूमि है और इस पर अवैध कब्जा किया गया है। उक्त कब्जे के संदर्भ में तहसील बिधूना जिला औरैया द्वारा कार्यवाही करते हुए 20,78,89088 रूपये का जुर्मानावसूल करते हुए भूमि बेदखली की कार्यवाही जा चुकी थी, लेकिन काजगी दस्तावेज में उलझकर भूमि पर कब्जा बनाये हुए हैं।

इतना ही नहीं कुछ लोगों का कहना है कि किला भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायतों को लेकर कइयों पर झूँठे मुकदमे दर्ज करावा उनपर दवाब बनाया जा चुका है। इतना ही नहीं वर्ष 2015 पंचवर्षी में ग्राम पंचायत सरायसीस ग्राम जहाँ के ग्राम प्रधान राजेंद्र कठेरिया को चकबंदी अध्यक्ष पद से हटाकर रामनरेश यादव को बना दिया गया, जोकि ग्राम पंचायत का सदस्य तक नहीं है। इसके बाद भी चकबंदी अध्यक्ष बनकर ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की धनराशि अपने निजी उपयोग में लेते आ रहा है।

ग्राम पंचायत क्षेत्र में दर्शाये गये विकास कार्य सिर्फ कागजी अभिलेखों में दर्ज होने के अलावा जमीनी स्तर पर नदारत हैं। इस मामले के संदर्भ कई बार उच्च स्तरीय जांच कराने की माँग की जाती रही है। लेकिन जिले में बैठे जिम्मेदारों से मिलीभगत के चलते अबतक कोई कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि उल्टा शिकायत करता विनोद कुमार और उनके पुत्र पर फर्जी दर्ज करवा उत्पीड़न किया जा रहा है,

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