औरैया। जनपद के बेला थाना क्षेत्र में राजस्व विभाग की उदाशीनता कहें या मिलीभगत, जहां सरकारी सुरक्षित जमीनों पर अवैध कब्जा व निर्माण रूकने का नाम नही ले रहा है। सबसे बड़ी गौर करने वाली बात यह है कि ग्रामीणों की लगातार शिकायत के बावजूद लेखपाल अवैध कब्जा धारकों पर कार्यवाही करने के बजाय उनपर मेहरबान दिखा रहें है। लेखपाल व भूमाफियाओं की मिलीभगत से अवैध कब्जा धारकों के हौंसले बुलंद हैं। जिससे सरकार की एंटी भू टास्क फोर्स भी दम तोड़ती नजर आ रही है।
बतातें चलें कि बेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जीवा सिरसानी में तैनात लेखपाल महेंद्र कुमार की उदाशीनता से चारागाह, खेड़ा, खलिहान जैसे सुरक्षित भूमि पर खुलेआम अवैध कब्जा व निर्माण हो रहा है।ग्रामीणों की लगातार शिकायत के बावजूद भी राजस्व विभाग पूरी तरह से मौन है। राजस्व विभाग सरकारी भूमि पर काबिज हो रहे अवैध कब्जा धारकों पर कार्यवाही करने में असमर्थ दिखायी दे रहा है। जो अपने आप में कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है।
बिधूना तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जीवा सिरसानी में लेखपाल की उदाशीनता से सरकारी चारागाह, खेड़ा, खाद गढ्ढा, तालाब जैसी सुरक्षित जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध कब्जा हो रहा है। शिकायत के बावजूद भी लेखपाल का गंभीर ना होना कहीं ना कहीं शासनादेश के दिशा निर्देशों पर पलीता लगता दिखायी दे रहा है।वहीं राजस्व विभाग के कार्य प्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।पूर्व में सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण को लेकर मीडिया द्वारा लेखपाल महेंद्र कुमार को कई बार सूचना दी गयी।
महेंद्र लेखपाल का कहना है, “अवैध कबजे में मकानों को हटवा नहीं सकते। श्रेणी 62 के अंतर्गत लगभग 70 बीघा खेड़ा में दर्ज है, कानूनगो को अवगत करा दिया है।”
परंतु लेखपाल द्वारा सिर्फ कार्यवाही का आश्वासन ही दिया गया। जबकि अभी तक अवैध कब्जा धारक पर कोई कार्यवाही नही हो सकी।अब बड़ा सवाल सवाल यह भी है कि ग्रामीणों की लगातार शिकायत पर भी लेखपाल अवैध कब्जा धारकों पर कार्यवाही करने में इतना हीलाहवाली क्यों कर रहे है यह तो वही जानें। फिरहाल राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाही न होने से अवैध कब्जा धारकों के हौसले बुलंद होते जा रहें है।जिससे सरकारी भूमि पर निरंतर अवैध कब्जा बदसतूर जारी है।
एसडीएम बिधूना राशिद अली का कहना है, “मेरे संज्ञान में मामला नहीं है, जांचबकरवा कर आरोपियों विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर