राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में फरवरी में हुए दंगों के सिलसिले में पुलिस ने जो आरोप-पत्र (चार्जशीट) दायर किया है उसमें कहा गया है कि नागरिक संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Senior Congress leader Salman Khurshid), माकपा नेता वृंदा करात (Brinda Karat) और उदित राज (Udit Raj) शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने यह दावा दिल्ली दंगों के मामले में दाखिल आरोप पत्र में इशरत जहां और खालिद सैफी तथा सुरक्षित गवाह के बयानों के आाधार पर किया है। बता दें कि नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को सीएए को लेकर साम्प्रदायिक दंगे शुरू हो गए थे। जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, जबकि 200 लोग घायल हो गए थे।
वहीं आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि इशरत जहां ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि सीएए के खिलाफ धरने को लंबा खींचने के लिए खुर्शीद, फिल्मकार राहुल रॉय, भीम आर्मी सदस्य हिमांशु, चंदन कुमार समेत कई बड़े नेताओं को उसने तथा खालिद सैफी ने जामिया कॉर्डीनेशन कमेटी (जेसीसी) के कहने पर बुलाया था। इन लोगों ने भड़काऊ भाषण दिए थे जिसके कारण धरने में बैठे लोग सरकार के खिलाफ हो गए थे।
पुलिस ने सैफी के इकबालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा है कि जनवरी 2020 में सीएए विरोधी धरने में स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, खुर्शीद इन भाषणों में आते थे। सैफी के पूरक बयान में यह भी कहा गया है कि धरने को लंबा खींचनेे के लिए खुर्शीद, शरजील इमाम, जेसीसी के सदस्य मीरान हैदर को खुरेजी धरना स्थल पर बुलाया गया था। इन लोगों को सैफी व इशरत जहां ने बुलाया था।