लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने प्रदेश में अपराध और अपराधियों के प्रति पुलिस की कार्यशैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारी भरकम सुविधाओं और संसाधनों से लैस होने के बावजूद प्रदेश पुलिस अपराधों का ग्राफ रोक पाने में पूर्णतः अस्मर्थ है। यह अस्मर्थता ही इस बात का प्रमाण है कि अपराधियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है और पुलिस बेबस है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कहा कि मार्च 2017 में प्रदेश सरकार के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री महोदय द्वारा यह घोषणा की गई थी कि अपराधी या तो जेल में होंगे या उन्हें ठोक दिया जायेगा।मुख्यमंत्री द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद प्रदेश पुलिस ने सैकड़ों अपराधियों का एन्काउंटर किया गया और हजारों अपराधी अपनी जमानत कैंसिल कराकर जेल चले गए तथा हजारों को पुलिस ने भी जेल में ठूँस दिया।
उन्होंने कहा कि फिर भी नये नये अपराधी कहाँ से प्रकट हो रहे हैं और इनकी नर्सरी किसके संरक्षण में फल फूल रही है।नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार देश में प्रतिदिन औसतन केवल रेप के 87 केस दर्ज हो रहे हैं।इस प्रकार केवल वर्ष 2019 में महिलाओं से सम्बन्धित 4,05,861 केस दर्ज हुए जो वर्ष 2018 से 7.3 प्रतिशत अधिक हैं। उ.प्र. में भी रेप के मामलों में लगातार वृद्धि होती चली जा रही है।हजारों छात्राओं ने शोहदों के डर से पढा़ई छोड़ दी है।आखिर सरकार का एन्टी रोमियो स्काट क्या कर रहा है?
रालोद प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और मासूम बच्चियों और छात्राओं के साथ जघन्य और बर्बरता पूर्ण अपराध करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करके ले जाते समय पुलिस की गाड़ी क्यों नहीं पलटती है? यदि ऐसे दुर्दांत अपराधियों के साथ भी गाड़ी पलटने लग जाय तो अपराधी भी कम हो जायेगा और अन्य अपराधियों के लिए सबक भी हो जायेगा। पुलिस द्वारा ऐसा न होना ही इस बात का प्रमाण हो जाता है कि ऐसे जघन्यतम अपराधियों को प्रशासनिक अथवा राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है।