लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा है कि पीड़िता के परिवार के साथ जो व्यवहार रहा वह शर्मनाक है। ऐसा अन्याय हमने देखा नहीं है। जो सरकार हर बात में धर्म का नाम लेती है उस सरकार ने एक पिता को उसकी बेटी की चिता को जलाने नहीं दिया। जब ऐसा हादसा होता है तो सरकार की जिम्मेदारी होती है पीड़िता को पूरी तरह सहायता दें। उन्होने कहा कि ऐसी ही घटना बलरामपुर में भी घटित हुई है। आखिर इन घटनाओं पर रोक कब लगेगी। केंद्र और प्रदेश की सरकार कब जागेंगे।
यूपी में बेटियों पर अत्याचार और सरकार की सीनाजोरी जारी है। कभी जीते-जी सम्मान नहीं दिया और अंतिम संस्कार की गरिमा भी छीन ली। भाजपा का नारा ‘बेटी बचाओ नहीं, सच छुपाओ, सत्ता बचाओ’ है। श्री सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार सच्चाई क्यों छुपा रही है, वो इन प्रश्नों का जवाब क्यों नहीं दे रही? परदे के पीछे का सच क्या है? बुलगढ़ी गांव को कंटेनमेंट जोन क्यों घोषित कर रहा है जिला प्रशासन है? पूरे जिले में धारा 144 लागू कर जिले की सीमाओं को सील प्रदेश सरकार के इशारे पर क्यों किया जा रहा है? पीड़ित परिवार की सुरक्षा में लगाए गए पुलिसकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने के आधार पर कंटेनमेंट जोन घोषित क्यों किया जा रहा है? हाथरस में मीडिया पर पाबंदी क्यों?
प्रदेश सरकार कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं बल्कि खबरों को मैनेजमैन्ट के जरिये सूचना प्रमुख को तत्काल हटाकर दूसरे सूचना प्रमुख से दबाना चाहती है? सूचना प्रमुख को तत्काल हटाकर दूसरे सूचना प्रमुख को इस घटना के दौरान क्यों बदला गया? जिला प्रशासन द्वारा गांव के बाहर बेरिकेडिंग क्यों कराई जा रही है?
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। भाजपा के राज में बहन, बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। सरकार नाम की कोई चीज नजर नहीं आ रही है। हाथरस की घटना ने पूरे प्रदेश की जनता का सिर शर्म से झुका दिया है। सरकार प्रदेश में लोकतंत्र का गला घोट रही है और घटना को दबाने का प्रयास कर रही है।
श्री सिंह ने इस घटना पर प्रदेश की जनता, ब्लाक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत और प्रधानों से से अपील की है कि वह सड़कों पर उतर कर जवाब मांगे एवं पीड़ित परिवार की हर सम्भव मदद व न्याय दिलाने का काम करे।