चाय बेचकर अपने सपने पूरे करने की बात जब होती है तो लोग सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ही लेते हैं। हालांकि पीएम मोदी कोई अकेले शख्स नहीं हैं। हाल ही में एक और नाम इस लिस्ट में शामिल हो गया है। आइए जानें चाय बेचकर सफलता का शिखर छूने वाली शख्िसयतों के बारे में…
केवल शर्मा ने कैंटीन में बेची थी चाय
हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के उपसचिव के रूप में एचएएस अफसर केवल शर्मा को नियुक्त किया गया है। आज केवल शर्मा बड़ी हस्तियों में गिने जाते हैं। आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी है लेकिन कभी इनके पास पढ़ाई के भी रुपये नहीं थे। इनका परिवार बेहद गरीब था और मजदूरी करता था। गरीबी के हालातों की वजह से शिमला के कोटशेरा कॉलेज में बीए की पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद यह ट्रिब्यूनल कोर्ट की कैंटीन में चाय बेचने लगे थे। यह दिन में कैंटीन में चाय बेचते और रात में एचएएस की एलाइड परीक्षा की तैयारी करते थे।
पन्नीरसेल्वम दिन में चाय रात में पढाई
पन्नीरसेल्वम भी देश की राजनीति में एक ऐसा चेहरा हैं जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री बनाए गए। 65 साल के पनीरसेल्वम को लेकर भी कहा जाता है कि इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही चाय बेची है। इनका पारिवारिक पेशा खेतीबाड़ी का रहा है। इनके भाई भी चाय बेचते रहे हैं। पनीरसेल्वम भी चाय की दुकान से समय निकालकर पढाई करते थे। ग्रैजुएशन की पढ़ाई इन्होंने ऐसे ही पूरी की थी।
केशव प्रसाद ने पढने के लिए बेची चाय
उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नमा भी इस लिस्ट में शामिल हैं। इन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही तरह बचपन में चाय बेची थी। केशव प्रसाद मौर्य का जन्म कौशाम्बी जिले के किसान परिवार में हुआ था। इनका परिवार बेहद गरीब था। इन्हें पढ़ने का बड़ा शौक था लेकिन परिवार के ये हालात नहीं थे कि इन्हें ज्यादा पढाई करा सके। ऐसे में जब यह बड़े और समझदार हुए तो इन्होंने भी अपनी पढाई जारी रखने के लिए व परिवार की मदद के लिए चाय बेचना शुरू कर दिया था।