नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने अगले पांच साल में ‘सबके लिये आवास’ योजना के तहत एक करोड़ से अधिक आवास निर्माण का लक्ष्य हासिल करने हेतु इस योजना के लिये इस साल बजट आंवटन में तीन गुना तक इजाफा करने की मांग वित्त मंत्रालय को भेजी है।
भेजे गये बजट में वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय को भेजे गये बजट मांग प्रस्ताव में सबके लिये आवास योजना पर ही इस बार पूरा जोर दिया गया है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सबके लिये आवास मिशन के लिये वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये जाने की प्रस्तावित मांग की गयी है।
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में वित्त मंत्रालय ने इस योजना के लिये 6200 करोड़ रुपये आवंटित किये थे।
- वित्त मंत्रालय ने इस मद में 11 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव को दिया गया था ।
- इस योजना के तहत साल 2022 तक 1.2 करोड़ सस्ते आवास का निर्माण होगा ।
- इस योजना के लिये बजट आवंटन में कोई समझौता करने से इंकार कर दिया है।
- मंत्रालय की दलील है कि बेघर परिवारों को घर मुहैया कराने की उच्च प्राथमिकता को देखते हुये।
- वित्त मंत्रालय इस योजना के लिये बजट में कम से कम 17 हजार करोड़ रुपये की राशि आवंटित करे।
- इससे कम राशि के आवंटन पर आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को संतुष्टि नहीं होगी।
- अभियान को पूरा करने के लिये अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित करने का फैसला किया है।
- इस योजना को पूरा करने के ‘‘ग्लोबल हाउसिंग कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी चेलैंज’’ का आयोजन होगा।
- प्रतियोगिता के आयोजन के लिये अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ब्लूमबर्ग को मंत्रालय ने ‘नॉलेज पार्टनर’ बनाया है।
- सफल कंपनियों को इस योजना के तहत विभिन्न इलाकों में सस्ते आवास बनाने का काम दिया जायेगा।
- इससे पहले स्मार्ट सिटी परियोजना के लिये भी ‘ग्लोबल चेलैंज’ आयोजित किया था।
- ‘सबके लिये घर’ अभियान में अब तक सिर्फ 2.91 लाख घर बन पाये हैं।
- 2014-15 से लेकर 2017-18 तक इस योजना के तहत राज्यों को 11899 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं।
- निर्माण की धीमी गति के बाद पिछले दो साल में घरों के निर्माण में इजाफा हुआ है।