उत्तर प्रदेश में फरार चल रहे कुख्यात बदमाशों की सूची में पहली बार एक मौजूदा आईपीएस मणिलाल पाटीदार का नाम भी शामिल हो गया है। व्यापारी की संदिग्ध मौत के मामले में फरार चल रहे मणिलाल पाटीदार पर इनाम बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। साथ ही उसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को भी तलाश में लगा दिया गया है।
बता दें कि महोबा के एसपी रहे आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार, इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ल और कांस्टेबल अरुण यादव महोबा के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की संदिग्ध मौत के बाद से फरार चल रहे हैं। तीनों के पेश न होने पर 15 नवंबर को लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। इसके साथ ही शासन ने आईएपीएस मणिलाल पाटीदार और कॉन्स्टेबल अरुण यादव को निलंबित कर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।
क्राइम ब्रांच के साथ एडीएफ भी जांच में जुटी : यह इनाम घोषित होने के बावजूद आईपीएस मणिलाल पाटीदार अब तक पुलिस के सामने नहीं आए हैं। जिसके बाद उन पर इनामी राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है। साथ ही क्राइम ब्रांच के साथ ही यूपी एसटीएफ को भी पाटीदार को पकड़ने के मिशन में लगाया गया है। मणिलाल पाटीदार को पकड़ने के इस अभियान की निगरानी यूपी पुलिस के एडीजी और आईजी कर रहे हैं।
कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत का मामला : बता दें कि महोबा के रहने वाले क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को 8 सितंबर को गोली मारी गई थी। करीब 5 दिन तक इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। अपनी मौत से पहले ही एक वीडियो के जरिए उन्होंने मणिलाल पाटीदार पर संगीन आरोप लगाते हुए अपनी हत्या की आशंका जताई थी। कारोबारी की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई थाने के तत्कालीन थानेदार समेत दो अन्य के खिलाफ हत्या और साजिश की एफआईआर दर्ज कराई थी।
व्यापारी से 6 लाख रुपये मांगने का आरोप : रविकांत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने उनके भाई से कारोबार करने के लिए 6 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। मणिलाल ने धमकी दी थी कि यदि एक हफ्ते के अंदर रकम नहीं दी तो जान से मार दिया जाएगा या जेल भेज दिया जाएगा। जब उनके भाई ने मांग नहीं मानी तो उनकी गोली मारकर हत्या करवा दी गई।