लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्ष 2021 को चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाना चाहिए। इस शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पहला आयोजन सांस्कृतिकी, लखनऊ विश्वविद्यालय ने 04 फरवरी, 2021 को उमा-हरिकृष्ण अवस्थी सभागार में किया।
चौरी-चौरा घटना का एक संक्षिप्त परिचय, इसके महत्व और प्रासंगिकता के बारे में प्रो राकेश चंद्रा ने सर्वप्रथम विवरण दिया।
कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार राय ने आधिकारिक रूप से शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया तथा चौरी-चौरा घटना के बारे में संक्षिप्त रूप से बताया। प्रो. अरूप चक्रवर्ती ने चौरी-चौरा घटना के बारे में अपना अमूल्य व्याख्यान प्रस्तुत किया। छात्र अविनाश और आदित्य ने देशभक्ति गीत का अलग-अलग प्रस्तुतीकरण दिया।
चांसलर मेडल धारक शिवांश ने इस ऐतिहासिक घटना से संबंधित एक संक्षिप्त भाषण दिया। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन और कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रोफेसर टंडन ने बताया की इस ऐतिहासिक घटना पर केंद्र सरकार ने एक डाक टिकट जारी किया है, जिसमे विश्वविद्यालय के अपने शताब्दी वर्ष में जारी हुए डाक टिकट की झलक दिखाई पड़ती है।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कई शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का समापन निदेशक, सांस्कृतिकी प्रो. राकेश चंद्र और सहायक निदेशक डॉ. प्रशांत शुक्ला द्वारा किया गया।