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चौरी चौरा का राष्ट्रीय सन्देश

        डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

चौरी चौरा का घटना भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में दर्ज है। लेकिन इसके एक पक्ष पर ही अधिक ध्यान दिया गया। दूसरे पहलू पर पर्याप्त चर्चा नहीं कि गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ओर ध्यान दिया। उन्होंने चौरी चौरा घटना के शताब्दी समारोह के आयोजन का निर्णय लिया। यह आयोजन एक वर्ष तक चलेंगे।

इसमें शिक्षण संस्थान से लेकर आमजन की भी सहभागिता सुनिश्चित की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शताब्दी समारोह का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने इसके लिए योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना सराहना की।

नरेंद्र मोदी ने स्थानीय बोली में अपना संबोधन प्रारंभ किया। कहा कि सब के प्रणाम करत बाटी। देवरहवा बाबा के आशीर्वाद से ही जिला आगे बढ़त बा। देवरहवा बाबा की धरती पर चौरी चौरा के महान लोगन क स्वागत करत बाटी। आप सबै के नमन करत बाटी।

चौरी चौरा पर व्यापक शोध

नरेंद्र मोदी कहा कि चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना मात्र आगजनी की घटना नहीं थी। यह तो लोगों के दिलों की आग थी। इसका संदेश बड़ा व्यापक था। इसे हमेशा आगजनी के रूप में देखा गया। लेकिन आज यहां पर जो हो रहा है, उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम बधाई का पात्र है। चौरी चौरा की शहादत के सौ वर्ष पूरे होने पर प्रदेश ही नहीं देश भर में पूरे वर्ष कार्यक्रम आयोजित होंगे। ऐसे समय में जब देश आजादी के पचहत्तर वर्ष मनाने जा रहा है, इस कार्यक्रम की प्रासंगिकता बढ़ जाती है। चौरी चौरा की जितनी चर्चा होनी चाहिए थी,नहीं हुई। इतिहास के पन्नों में भले ही इसे प्रमुखता ना दी हो लेकिन सेनानियों ने आजादी के लिए अपना खून देश की माटी में मिलाया है। ऐसी एक घटना में उन्नीस लोगों को फांसी पर चढ़ा दिया गया था।

अंग्रेजी हुकूमत लोगों को फांसी पर चढ़ाने पर तुली हुई थी। लेकिन बाबा राघव दास और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से एक सौ पचास से अधिक लोगों को फांसी से बचा लिया गया। आज का दिन बाबा राघव दास और महामना को याद करने का भी है। अब तो छात्रों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। वह इतिहास पढ़ेंगे और इतिहास के अनछुए पहलुओं को जानेंगे। इस पर तो शोध आमंत्रित किए गए हैं।

राष्ट्र निर्माण में किसान

भारत के स्वतन्त्रता संग्राम किसानों की सहभागिता महत्वपूर्ण थी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार किसान भी रहे हैं। य चौर चौरा संग्राम में हमारे किसानों की सबसे बड़ी भूमिका थी। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पिछले छह वर्ष में किसानों के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर चालीस हजार करोड़ रुपये किया गया है। इसका सीधा लाभ देश के किसान हो होगा।

मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें,इसके लिए एक हजार और मंडियों को ई नाम से जोड़ा जाएगा। नागरिकों पर कर का बोझ नहीं बढ़ाया गया। देश को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज़्यादा से ज़्यादा खर्च करने का फैसला लिया है। यह खर्च देश में चौड़ी सड़के बनाने के लिए होगा। देश तथा प्रदेश में नई बसें और रेल चलेगी,युवाओं को ज़्यादा अच्छे अवसर मिले उसके लिए बजट में अनेक फैसले लिए हैं।

स्वरक्तै स्वराष्ट्रं रक्षे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह में शताब्दी महोत्सव के लोगो का उल्लेख किया। ‘स्वरक्तै: स्वराष्ट्रं रक्षे’ अर्थात हम अपने रक्त से अपने राष्ट्र की रक्षा करते हैं यानी ‘तेरा वैभव अमर रहे मां,हम रहें न रहें’  का भाव लिए हुए है। चौरी चौरा में देश की स्वाधीनता के लिए अमूल्य संघर्ष प्रारम्भ हुआ था।

जिसमें पुलिस और स्थानीय जनता के बीच संघर्ष में तीन स्वतंत्रता सेनानी बलिदानी हो गए थे। इसके उपरांत दो सौ अट्ठाइस सेनानियों पर ब्रिटिश हुकूमत ने मुकदमा चलाया था।

जिसमें उन्नीस को मृत्युदंड,चौदह को आजीवन कारावास दिया गया था। इन आयोजनों के माध्यम से स्वदेशी,स्वावलम्बन व स्वच्छता की ओर हम सभी लोग अग्रसर हो सकेंगे। चौरी चौरा घटना से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा मिली थी। यह महोत्सव भारत माता के उन सभी बलिदानियों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान व्यक्त करने का एक समारोह है।

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