प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल में ही डिजिटल भारत अभियान का शुभारंभ किया था। इसके पहले चरण में ही करीब चालीस करोड़ जनधन खाते खोले गए थे। ये वह लोग थे जिन्होंने स्वतन्त्रता के बाद भी बैंकों का मुंह नहीं देखा था। इन जनधन खातों से गरीबों तक शत प्रतिशत सरकारी सहायता पहुंचना संभव हुआ। एक पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा बताई गई धारणा का निवारण हुआ। उनका कहना था कि नई दिल्ली से सौ पैसे भेजे जाते है,लेकिन गरीबों तक मात्र पन्द्रह पैसे पहुंचते है। डिजिटल अभियान ने कोरोना काल में भी अपनी उपयोगिता प्रमाणित की है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इसी क्रम में जय अनुसन्धान का महत्व रेखंकित किया। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर के गेट नंबर दो में नव स्थापित जनसंख्या घड़ी का उद्घाटन किया। इसके साथ ही इस अवसर पर, RCH- ANMOL ऐप भी लॉन्च किया गया है। पीआरसी के कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में इसका लोगो और इसकी वेबसाइट भी लॉन्च की गई।
कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा
अश्वनी चौबे ने विशेष रूप से कोरोना काल में स्वास्थ्य नीति की सफलता में साक्ष्य आधारित अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। कहा कि सरकार आबादी के निचले हिस्से तक स्वास्थ्य सुविधा की पहुंच को सक्षम करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने “जय जवान जय किसान और जय विज्ञान” के साथ-साथ जय अनुसन्धान ’के रूप में शोध के महत्व का उल्लेख किया है।
जनसंख्या अनुसन्धान
लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र PRC ने दो दिन के ज्ञान प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया है। यह विभाग की पांचवी कार्यशाला है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय MoHFW ने अठारह प्रमुख देशों में फैले अठारह जनसंख्या अनुसंधान केंद्रों PRCs का नेटवर्क स्थापित किया है, भारत के राज्यों के साथ,राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रमों और नीतियों से संबंधित महत्वपूर्ण अनुसंधान आधारित जानकारी प्रदान करने के लिए। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे थे। उद्घाटन सत्र की शुरुआत पीआरसी के निदेशक मनोज के अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुई। प्रो अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में PRC की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर सम्मानित अतिथि जय प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी शामिल थे। उन्होंने डिजिटल पहल के माध्यम से महामारी से निपटने में योगी सरकार की सफलता पर प्रकाश डाला और कहा कि इसी श्रृंखला अनमोल ऐप नवीनतम पहल है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने पीआरसी के लिए बेहतर बिल्डिंग की सुविधा और शिक्षण स्टाफ की आवश्यकता की ओर माननीय मंत्री महोदय का ध्यान आकर्षित किया। जिसके फलस्वरूप माननीय मंत्री महोदय द्वारा भवन के लिए अनुदान का वादा किया गया।
इस अवसर के मुख्य वक्ता भारत सरकार के सांख्यिकी विभाग के महानिदेशक डॉ डी के ओझा थे। अपने मुख्य भाषण में डॉ ओझा ने देश के विभिन्न पीआरसी द्वारा किए गए हालिया और सबसे उपयुक्त शोधों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पीआरसी और इसकी वेबसाइट, लोगो भी उद्घाटन कार्यक्रम में लॉन्च किया गया। उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश की मिशन एनएचएम के निदेशक एमएस अपर्णा चौधरी ने भी भाग लिया।