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दो मई और हुई खास,पश्चिमी बंगाल में राज्य सरकार तो यूपी में पंचायत चुनाव के आएंगे नतीजे

      अजय कुमार

उत्तर प्रदेश में ‘गांव की सरकार’ बनाने का इंतजार समाप्त हो गया है। एक तरफ राज्य चुनाव आयोग द्वारा त्रिस्तरीय चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है, वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने भी पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। प्रदेश में चार चरण में 15, 19, 26 तथा 29 अप्रैल को मतदान होगा। इसके बाद दो मई को होगी मतों की गणना होगी।

दो मई की तारीख इसलिए भी विशेष है कि  दो मई को ही यूपी के पंचायत चुनाव के अलावा पश्चिमी बंगाल विधान सभा चुनाव के भी नतीजे आने हैं।  बाद से गांव की नई सरकार अपना काम शुरू कर देगी, जोकि 25 दिसंबर 2020 से बंद था।  सभी 18 मंडल के एक-एक जिले में पहले चरण का चुनाव होगा। अबकी बार पंचायत चुनाव में मुकाबला पंचकोणीय होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार भाजपा,बसपा,कांगे्रस सपा के साथ आम आदमी पार्टी भी अपनी ताल ठोंक रहा है।
पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार 27 मार्च से नामांकन पत्र खरीद सकेंगे। पहले चरण के मतदान वाले जिलों में नामांकन तीन और चार अप्रैल को होगा। दूसरे चरण के मतदान वाले जिलों में नामांकन सात और आठ अप्रैल को होगा। तीसरे चरण के मतदान वाले जिलों में नामांकन 13 और 15 अप्रैल को होगा। चैथे चरण के मतदान वाले जिलों में नामांकन 17 और 18 अप्रैल को होगा। पंचायत चुनाव के लिए तीन अप्रैल से पहले चरण का नामांकन शुरू हो जाएगा। प्रत्येक चरण में प्रत्याशियों को प्रचार के लिए करीब सप्ताह भर का समय मिलेगा।
पहले चरण में 15 अप्रैल को 18 जिलों में वोट पड़ेंगे। पहले चरण में सहारनपुर, गाजियाबाद, रामपुर, बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागराज, रायबरेली, हरदोई, अयोध्या, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, जौनपुर व भदोही में मतदान होगा।  वहीं दूसरे चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में 20 जिलों में मतदान होगा। इसमें मुजफ्फरनगर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, गोंडा, महाराजगंज, वाराणसी तथा आजमगढ़ के मतदाता वोट डालेंगे। दो मई को मतगगणना होगी।
बहरहाल, अबकी से उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव को काफी महत्व दिया जा रहा हैं। इसकी वजह अगले वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव से पूर्व पंचायत चुनाव को तमाम राजनैतिक दलों के बीच शक्ति परीक्षण के रूप में तो देखा ही जा रहा है,इसके अलावा इस बार सभी प्रमुख राजनैतिक दल अपने सिंबल पर प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं,चुनाव में जिस भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहेगा,वह बढ़े हुए मनोबल के साथ अगले वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव में जाएगा।

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