पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के बाद योगी आदित्यनाथ एक बार फिर केरल पहुंचे। इन सभी प्रदेशों में उनके प्रति आमजन का आकर्षण दिखाई दिया।वह पश्चिम बंगाल की तृणमूल,केरल की कम्युनिस्ट सरकार व कांग्रेस की विचारधारा को एक ही खेमे में रखते है। इनमें नेता अलग है लेकिन इनकी नीति व नियत में कोई अंतर नहीं है। यही कारण है कि इनके शासन में एक ही जैसी समस्याएं देखने को मिलती है।
इन पार्टियों की सरकारों ने सुशासन की जगह तुष्टकरण को बढ़ावा दिया। इससे अनेक जटिल समस्याएं पैदा हुई है। कांग्रेस नेतृत्व में तुष्टीकरण की राजनीति आज़ादी के बाद से ही प्रारंभ हो गई थी। यही कारण रहा है कि कांग्रेस देश की समस्याओं को सुलझाने के बजाय उलझाने का काम किया। अयोध्या में रामजन्म भूमि पर भगवान राम का मंदिर बने ये कांग्रेस और उनकी सहयोगी दल कभी नहीं चाहते थे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एलडीएफ तथा यूडीएफ ने सत्ता में परिवारवाद भ्रष्टाचार व अराजकता को जन्म दिया।
इसी कारण यहां पर लम्बे समय से जनता के हित में कोई काम नहीं हुआ। जबकि भाजपा ही भ्रष्टाचार, अराजकता तथा परिवारवाद मुक्त सरकार देकर जनता को विकास की सही राह दिखाने में सक्षम है। योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के कार्यों का उल्लेख किया। कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद उसको पिछड़ा राज्य से विकास की राह पर दौडऩे वाला राज्य बनाया है। यह काम केरल में भी आसानी से संभव है।
भाजपा जो कहती है वह करती है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद तीन सौ सत्तर को हटाया गया। कोरोना आपदा के समय देश के सभी प्रदेशों की प्रबंधन क्षमता सामने आ गई। दुनिया में भारत के आपदा प्रबंधन व आपदा में अवसर की खूब सराहना हुई। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य के आपदा प्रबंधन ने विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया था।
योगी मॉडल की प्रशंसा दुनिया में हुई। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल केरल,महाराष्ट्र की सरकारें नाकाम साबित हुई। योगी आदित्यनाथ ने केरल सरकार पर विफलता व लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि वामपंथी सरकार इस छोटे प्रदेश को भी संभालने में विफल रही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल में हमने गरीबों को मुफ्त भोजन दिया।
श्रमिकों को रोजगार दिया। आत्मनिर्भर भारत के लिए पैकेज मिला। केरल आस्था की भूमि है। केरल में विकास के काम नहीं हुए है। विकास कार्यों में रोड़ा अटकाया गया। पीएफआई लगातार साजिश कर रही है। केरल में लव जिहाद कानून नहीं लागू किया गया है। केरल की सरकारों ने जनता से छल किया। केरल के सम्मान के लिए भाजपा जरूरी है।