औरैया। कश्यप निषाद मेहरा आदिवासी महासभा के तत्वावधान में शहर के सत्तेश्वर मोहल्ला स्थित जिला कार्यालय पर महर्षि कश्यप जयंती मनाई गई। वक्ताओं ने महर्षि कश्यप के जीवन पर प्रकाश डाला। कोविड-19 संक्रमण के चलते कार्यक्रम में केवल प्रमुख पदाधिकारी ही मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि कश्यप के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। संगठन के अध्यक्ष राजेश कश्यप ने कहा कि महर्षि कश्यप प्राचीन ऋषियों में प्रमुख हैं। महर्षि कश्यप ब्रह्मा के मानस पुत्र मरीचि के विद्वान पुत्र थे।
इनकी माता कला कर्दम ऋषि की पुत्री व कपिल देव की बहन थी। इनका आश्रम मेरु पर्वत पर था। जहां पर ब्रह्म आराधना में लीन रहते थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अभाव में आज भी समाज पिछड़ा है। बिना शिक्षा के समाज का स्तर आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि जीवन में ऊंचा उठने के लिए शैक्षिक स्तर को बढ़ाना होगा। साथ ही आपस में एकजुट रहना होगा। संगठित होकर ही समाज की उन्नति संभव है। महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष मंजू बाथम ने कहा कि समाज में महिलाओं की अहम भूमिका होती है।
उन्होंने कहा एकजुटता के साथ शिक्षित होना भी बहुत जरूरी है। बिना शिक्षा के हम अपने हको के लिए संघर्ष नहीं कर सकते। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संगठन के मंत्री रघुवीर कश्यप ने कहा कि इस समय कोविड-19 संक्रमण चल रहा है, जिसके चलते जयंती पर कार्यक्रम स्थगित कर केवल महर्षि कश्यप का पूजन किया गया। उन्होंने समाज के वरिष्ठ लोगों से कोविड-19 संक्रमण बचाव के लिए टीकाकरण कराने की अपील की। कहा कि सभी लोग अपने घरों में व आस पास के लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम के दौरान कृष्ण बाथम, संगीता कश्यप, कुंवर सिंह, बृजेश बाथम, सुधीर कश्यप, विजय कुमार, अजय कुमार व गौरव बाथम आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर