लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा है कि संकट के समय ही जागना सरकार का कर्तव्य नहीं है और जब संकट बहुत अधिक बढ़ जाता है तब सरकार उसका समाधान निकालने के लिए हाथ-पैर मारना शुरू कर देती है। जनता ने अपनी सरकार से अपेक्षा की थी कि कोरोना महामारी के सुनामी और सबसे खतरनाक वेब से निपटने के लिए पहले से कोई योजना और व्यवस्था तैयार रखी होगी। सरकारें इस मोर्चे पर विफल पाई गईं। वे इस महामारी की विशाल लहर का अनुमान लगाने में विफल रहे। ऐसे में उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति से यह मांग की है कि प्रधानमंत्री अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे।
श्री सिंह ने आगे कहा है कि एक तस्वीर उनको विचलित करती है कि जब देश कोरोना की लड़ाई से लड़ रहा है ऐसे में सिस्टम का मुखिया चैन से वायलिन बजा रहा है। देश भर में बढ़ते कोरोना के मामलों से हर तरफ मायूसी ही नजर आ रही है, हर दिन बीमारी से अपनों को लोग खो रहे हैं, ऐसे में हम कोरोना की सूनामी में फंस गए हैं और व्यवस्था लाचार हो गई है। सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई है। उन्होंने बढ़ते कोरोना संक्रमण पर सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देने की मांग भी की है। सरकार कोरोना संक्रमण रोकने में पूरी तरह असफल रही है। सरकार ने पूरी तरह लापरवाही बरती। इन पर सरकार ने कोई अमल नहीं किया।
तानाशाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कोर्ट की भी नहीं सुनते हैं। करोड़ों भारतीयों की जान खतरे में है। देश आपात स्थिति में फंसा है, सरकार ने अपनी कार्यक्षमता का प्रयोग नहीं किया। महामारी के सामने पूरी शक्ति का इस्तेमाल करना चाहिए था, लेकिन पता नहीं क्यों व्यापारी सरकार भयावह स्थिति का इंतजार करती रही।