उत्तर प्रदेश में पिछले महीने चार चरणों में हुए पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को वाराणसी, अयोध्या और मथुरा में करारी शिकस्त मिली है. जबकि इन जिलों पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने अब तक के चार साल के कार्यकाल में खासी मेहरबानी दिखाई है. जबकि इन तीनों जिलों में समाजवादी पार्टी और बसपा को काफी फायदा हुआ है.
अयोध्या में भाजपा को जिला पंचायत चुनाव में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है. अयोध्या में जिला पंचायत की 40 सीटें हैं, जिसमें से 24 पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है, तो भाजपा के खाते में सिर्फ छह सीट आयी हैं. यही नहीं यहां 12 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीतने में सफल रहे हैं. वैसे अयोध्या में भाजपा का खेल बागियों ने बिगाड़ा है, क्योंकि पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर 13 सीटों पर बागी मैदान में थे.
वहीं काशी में भी जिला पंचायत चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए डरावने साबित हो रहे हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिला पंचायत की 40 सीट हैं, जिसमें से सपा ने 14, भाजपा ने 8, अपना दल (एस) ने तीन, आम आदमी पार्टी और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने एक-एक सीट पर कब्जा किया है. जबकि तीन पर निर्दलीय जीते हैं. यही नहीं, पिछली बार यानी 2015 में भाजपा को काशी में हार मिली थी, लेकिन योगी सरकार बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा ने सपा से छीन ली थी.
यूपी की योगी सरकार मथुरा के विकास के लिए भी लगातार काम कर रही है, लेकिन जिला पंचायत चुनाव में नतीजे विपरीत आए हैं, जो कि भाजपा सरकार के लिए एक बड़ा सियासी संदेश है. मथुरा में बसपा ने 12 सीट पर बाजी मारकर अपना दम दिखाया है, तो आरएलडी ने 9 सीट पर जीत दर्ज की है. भाजपा ने यहां सिर्फ 8 सीट पर कब्जा कर सकी है. इसके अलावा सपा ने एक सीट तो तीन पर निर्दलीय अपना परचम लहराने में सफल रहे हैं.