कोरोना वायरस का कहर लगातार देश में बढ़ता जा रहा है. कोरोना से बचाने के लिए सिर्फ वैक्सीन ही कारगर है. इसलिए केंद्र सरकार ने अब वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला लिया है. टीकों का प्रोडक्शन उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में होगा. बुलंदशहर के चोला में भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (बिबकोल) का प्लांट है. यहां भी कोवैक्सीन का प्रोडक्शन किया जाएगा. वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है.
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन बनाने के लिए 30 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं. वहीं भारत बायोटेक और बिबकोल के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी हो गया है. अगस्त के बाद यहां वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो सकेगा. पूरे देश को कोरोना से बचाने के लिये हर महीने यहां दो करोड़ डोज बनाए जाएंगे.
पोलियो की वैक्सीन बिबकोल में बनता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिबकोल के वाइस प्रेसिडेंट आरके शुक्ला ने इसकी पुष्टि की. एक अखबार को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन बनाने के लिए सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.
तीन जगहों पर बनेगी वैक्सीन
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन चाहता है. सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने को कहा गया है. तीन अन्य कंपनियों में वैक्सीन का उत्पादन होगा. मुंबई की हैफिक बायो फार्मास्यूटिकल्स, इम्यूनोलाजिकल लिमिटेड आइआइएल और बिबकोल में वैक्सीन का प्रोडक्शन होगा.
दिल्ली को वैक्सीन देने से इनकार
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 100 से अधिक नये टीकाकरण केंद्रों में 18 से 45 वर्ष के बीच के लोगों के लिए कोवैक्सीन का कोई स्टॉक नहीं बचा है. केजरीवाल प्रशासन ने कहा, फिलहाल, इस बारे में कोई विचार नहीं है कि कोवैक्सीन दिल्ली में कब उपलब्ध होगी क्योंकि विनिर्माण कंपनी ने दिल्ली को वैक्सीन की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के साथ राज्य प्रशासन ने शहर के विभिन्न हिस्सों में लगभग 17 सरकारी संचालित स्कूलों में 125 टीकाकरण केंद्र स्थापित किए हैं.