उत्तर प्रदेश सरकार अब भुखमरी और बेरोजगारी से निपटने के लिए प्रदेशवासियों पर जनसंख्या नियंत्रण के कानून का फॉर्म्युला लागू करने की तैयारी में जुट गई है, जिसके चलते राज्य में 2 से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों कानून लागू होने के बाद कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल ने कहा, ”हमारे यहां जनसंख्या बढ़ रही है। इसके कारण सभी समस्याएं पैदा हो रही हैं। जो लोग जनसंख्या नियंत्रण करने में अपना सहयोग दे रहे हैं उन्हें ही सरकारी सुविधाएं और सरकारी संसाधन मिले, उन्हें राज्य सरकार की सभी सुविधाओं का लाभ मिलता रहे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनसंख्या नियंत्रण परिवार नियोजन से अलग है और यह किसी विशेष धर्म और मानवाधिकारों के खिलाफ नहीं है। यूपी में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इसी वजह से अस्पताल, खाना, घर और रोजगार से संबंधित दूसरे मुद्दे भी पैदा हो रहे हैं, इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है।
राज्य विधि आयोग की ओर से कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया गया है। कई अहम विषयों पर चिंतन करने के बाद जल्द ही आयोग अपने प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार के आगे प्रस्तुत करेगा।