लखनऊ। लोक परमार्थ सेवा समिति ने गौ वंश के संरक्षण संवर्धन और सम्मान को लेकर व्यापक अभियान छेड़ रखा है। इसी कड़ी में सोमवार (28 जून) को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को ज्ञापन देकर गौ वंश के संरक्षण और सम्मान के लिए “गौ माता को राज्यमाता” का दर्जा दिए जाने की मांग की है।
समिति की उपाध्यक्ष किरन बाला शर्मा ने उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम नन्दन सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे गये ज्ञापन में कहा है कि समिति एक अरसे से गौ माता के संरक्षण, संवर्धन और सम्मान के लिए संघर्षरत है। समिति का मानना है है कि योगी सरकार ने गौवंश के संवर्धन और रक्षा के लिए सराहनीय कार्य किये हैं। किन्तु गौ माता को जब तक राज्यमाता का दर्जा देकर व्यापक नीतियाँ और कानून नहीं बनाया जाता तब तक गौ वंश का संरक्षण और संवर्धन किया जाना संभव नहीं है।
समिति ने कहा है कि गौ माता सनातन धर्म की मूलाधार हैं, सनातन धर्म में प्रचलित सोलह संस्कार गौ माता के बिना पूरे नहीं होते हैं। इसी लिए समिति की मांग को न्यायोचित मानते हुए तमाम धर्माचार्यों और संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। समिति की उपाध्यक्ष किरन बाला शर्मा और गौ सेवक लालू भाई ने कहा है कि राष्ट्रीय गौ उत्पादक संघ, मलूक पीठाध्वीसर राजेन्द्र दास जी, वृंदावन के प्रसिद्ध संत फूल डोल बिहारी बाबा जी, दिल्ली द्वारका इस्कान के उपाध्यक्ष अमोघ लीला प्रभु जी, चन्द्रोदय मंदिर वृन्दवादन के जनसंपर्क प्रमुख स्वामी अनंत दास जी, माधवास फाउण्डेशन वृन्दवादन के अध्यक्ष माधवास जी, गायत्री परिवार लखनऊ की प्रमुख सेवादार निर्मला पाण्डेय जी और लखनऊ स्थित मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि जी आदि ने गौ माता को राज्यमाता का दर्जा दिए जाने की मांग का समर्थन किया है। सभी संगठनों और धर्माचार्यों का कहना है कि जब तक गौवंश के लिए व्यापक कानून नहीं बनाया जाता तक इनका संरक्षण किया जाना संभव नहीं है।
समिति के प्रमुख सेवादार और गौसेवक लालू भाई ने कहा है कि गौ माता के लिए व्यापक नीतियाँ न बनाये जाने से सभी लोग बेहद निराश हैं। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि आने वाली श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उनकी मांगों को लेकर कोई न कोई घोषणा अवश्य की जानी चाहिए जिससे गौभक्तों की निराशा दूर की जा सके।