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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के तत्वाधान में एक दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला का हुआ आयोजन

औरैया। रविवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर और सीएसआईआर राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला जमशेदपुर ने राजभाषा कार्यान्वयन समिति, जमशेदपुर के तत्वावधान में ‘उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों में विज्ञान और तकनीकी विषयों में हिंदी का उपयोग’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला (ऑनलाइन) आयोजित की गई जिसमे जनपद सें धर्मेन्द्र सिंह तोमर ने भाग लिया।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के तत्वाधान में हुई एक दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला का उद्देश्य उन प्रतिभाओं का पोषण करना था जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पारंगत हैं लेकिन भाषा की मजबूरी के कारण अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रह हैं। वर्चुअल कार्यशाला में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई उनमें शिक्षाशास्त्र में भारतीय भाषाओं का प्रयोग, वैज्ञानिक लेखन और अनुसंधान में भारतीय भाषाओं की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करना, क्षेत्रीय भाषाओं के लेखन के प्रति जिज्ञासा पैदा करना, क्षेत्रीय भाषाओं में वैज्ञानिक शब्दावली और शब्द संरचना के कोष को समृद्ध करना एवं प्रतिभागियों को भारतीय भाषाओं के लेखन में सरलता लाने के लिए उत्सुक बनाने पर चर्चा हुई।

चर्चा के दौरान प्रो. (डॉ.) करुणेश कुमार शुक्ला, निदेशक, एनआईटी जमशेदपुर और डॉ. इंद्रनील चट्टोराज, निदेशक, सीएसआईआर-एनएमएल जमशेदपुर ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और शिक्षाशास्त्र और अनुसंधान में भारतीय भाषाओं का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि देश की बड़ी आबादी को लाभ मिल सके। प्रो. उमा शंकर पचैरी, महामंत्री, भारतीय शिक्षा मंडल, नई दिल्ली वेबिनार के मुख्य वक्ता थे। इस अवसर पर प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल, आईआईटी कानपुर ने पी पी टी प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर कार्य योजना को बताया।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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