उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की Helpline में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के वेतन के विरोध पर उन्हें टार्चर करने का मामला सामने आया है। इस मामले में लड़कियों ने कहा कि उन्हें पिछले कई महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा था। जिससे लड़कियां विरोध कर रही थी। यूपी के गोमतीनगर के विभूतिखंड में साईबर हाईट में सीएम हेल्पलाइन संचालित की जाती है। जिसमें काम करने के लिए लड़कियों की नियुक्ति की गई थी। मामले में लगभग 20 युवतियों को शुक्रवार सुबह एक कमरे में बंद कर दिया। युवतियों ने आरोप लगाया कि उनके ट्रेनर और सुपरवाइजर अनुराग व आशुतोष उनका शोषण कर रहे थे। लड़कियों ने कहा कि उनसे जबरन सफेद कागज पर साइन करवा लिए गए। उन्हें अपशब्द तक कहते हुए बदतमीजी की गई।
- उन्होंने बताया कि पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण महिला कर्मचारी आर्थिक तंगी की ओर बढ़ रही हैं।
- शिकायत करने पर उनसे नौकरी छीनने और मारपीट करने की कोशिशें की गई।
- जिससे किसी ने विरोध की हिम्मत नहीं की।
- लेकिन जब मामला हद से ज्यादा हो गया, तो युवतियों को मजबूर होेकर विरोध करना पड़ा।
Helpline में लड़कियों के साथ की गई अभद्रता, खीचें दुपट्टे
सीएम हेल्पलाइन में लड़कियों ने आरोप लगाया कि इस दौरान कुछ लड़कियों के साथ अभद्रता भी की गई। उनके दुपट्टे तक गले से खींचे गये। हद से बाहर हुई टॉर्चर की घटना के कारण कई लड़कियां बेहोश हो गईं।
- उनके बेहोश होते ही आॅफिस में हड़कंप मच गया।
- इस बीच अफवाह भी उड़ाई गई कि कर्मचारियों ने जहर खा लिया है।
- उच्चाधिकारी अपना गला फंसते देख खुद को बचाने में लग गये।
- अधिकारियों ने युवतियों को तुरंत कमरे से बाहर निकाला।
- बेहोश हुई युवतियों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
हेल्पलाइन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मामले की सूचना मिलने पर पुलिस भी हेल्पलाइन के ऑफिस और अस्पताल पहुंची। नाराज महिला कर्मचारी उनसे भी भिड़ गईं।
- एसपी मौके पर पहुंच कर्मचारियों को समझाने की कोशिश करने लगे।
- युवतियां हेल्पलाइन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती रही।